खुदरा मुद्रास्फीति के 2022-23 में 4.5% रहने का अनुमान: आरबीआई

Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Feb, 2022 04:23 PM

retail inflation forecast to be 4 5 in 2022 23 rbi

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को कहा कि फसल उत्पादन बेहतर रहने, आपूर्ति की स्थिति में सुधार को लेकर किए गए उपायों और मानूसन अच्छा रहने की संभावना के साथ उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के एक अप्रैल, 2022 से शुरू अगले वित्त...

बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को कहा कि फसल उत्पादन बेहतर रहने, आपूर्ति की स्थिति में सुधार को लेकर किए गए उपायों और मानूसन अच्छा रहने की संभावना के साथ उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के एक अप्रैल, 2022 से शुरू अगले वित्त वर्ष में 4.5 प्रतिशत पर आ जाने की संभावना है। मुद्रास्फीति का यह अनुमान आरबीआई के संतोषजजनक स्तर के काफी करीब है। हालांकि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम में तेजी से इसके ऊपर जाने जोखिम बना हुआ है।

रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को 5.3 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। चालू वित्त वर्ष की अंतिम मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति संतोषजनक दायरे के उच्च स्तर पर बनी हुई है। हालांकि पिछले साल नवंबर में पेट्रोल और डीजल पर कर कटौती से कुछ हद तक कच्चे माल की लागत को लेकर दबाव नरम पड़ने की उम्मीद है।

केंद्रीय बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पर विचार करते समय मुख्य रूप से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर पर गौर करता है। खाने का सामान महंगा होने से खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में पांच महीने के उच्च स्तर 5.59 प्रतिशत पर पहुंच गयी जो नवंबर में 4.91 प्रतिशत थी।

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) को सालाना स्तर पर मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। आरबीआई ने मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर को चार प्रतिशत पर बरकरार रखा है। आरबीआई गवर्नर दास ने कहा, ‘‘मांग में नरमी से कच्चे माल की लागत का दबाव बिक्री मूल्य पर डालने की स्थिति सुस्त बनी हुई है। हालांकि कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर जोखिम कम हुआ है और आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव घटा है। ऐसे में मुख्य मुद्रास्फीति (कोर इनफ्लेशन) कुछ नरम हो सकती है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2021-22 के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 5.3 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। तुलनात्मक आधार अनुकूल नहीं होने से चालू वित्त वर्ष की मौजूदा चौथी तिमाही में यह 5.7 प्रतिशत रह सकती है।’’ दास ने कहा कि प्रतिकूल तुलनात्मक आधार की वजह से खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी 2022 में संतोषजनक स्तर के ऊपरी सीमा के करीब जा सकती है। 

उन्होंने कहा, ‘‘इस सब बातों के साथ मानसून सामान्य रहने को ध्यान में रखते हुए सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति 2022-23 में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।’’ आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हालांकि कच्चे तेल के दाम में तेजी मुद्रास्फीति के बढ़ने को लेकर प्रमुख जोखिम है।

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