Edited By ,Updated: 15 Mar, 2016 12:14 PM
खाद्य वस्तुओं के दाम में वृद्धि की रफ्तार कम होने से खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में नरम रही। वहीं थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर लगातार 16वें महीने शून्य से नीचे रही।
नई दिल्ली: खाद्य वस्तुओं के दाम में वृद्धि की रफ्तार कम होने से खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में नरम रही। वहीं थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर लगातार 16वें महीने शून्य से नीचे रही। इससे उम्मीद बंधी है कि रिजर्व बैंक अगले महीने मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती कर सकता है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में 5.18 प्रतिशत रही जबकि एक महीना पहले जनवरी में यह 5.69 प्रतिशत पर थी। इस लिहाज से जनवरी के मुकाबले फरवरी में मुद्रास्फीति वृद्धि की रफ्तार कुछ धीमी पड़ी। लगातार 5 महीने बढ़ते रहने के बाद खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में घटकर 3 महीने के निम्न स्तर 5.18 प्रतिशत पर आ गई। इसका कारण सब्जी, दाल तथा फलों की कीमतों में वृद्धि की दर धीमी होना है। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में भी गिरावट रही। यह लगातार 16वें महीने शून्य से नीचे रही और खाद्य उत्पादों विशेष तौर पर सब्जियों और दालों के सस्ते होने से यह फरवरी माह में शून्य से 0.91 प्रतिशत नीचे रही। जनवरी में यह शून्य से 0.90 प्रतिशत नीचे थी।
मुद्रास्फीति में कमी तथा औद्योगिक उत्पादन में गिरावट से रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दर में कटौती का मामला मजबूत हुआ है। रिजर्व बैंक 2016-17 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति 5 अप्रैल को पेश करने वाला है। पिछले महीने खाद्य मुद्रास्फीति 5.30 प्रतिशत रही। आज जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस दौरान सब्जियों, दालों, फलों और दूध के दाम घटे। जनवरी में यह 6.85 प्रतिशत पर थी। फल की कीमतों में 0.7 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि दाल के दाम करीब 38 प्रतिशत बढ़े।