खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में बढ़कर 7.79% पर, आठ साल का उच्चस्तर

Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 May, 2022 10:36 AM

retail inflation rises to 7 79 in april eight year high

खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में सालाना आधार पर बढ़कर 7.79 प्रतिशत हो गई, जो आठ साल का सबसे ऊंचा स्तर है। खाद्य पदार्थों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के चलते खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ी है और यह लगातार चौथे महीने रिजर्व बैंक के लक्ष्य की ऊपरी सीमा से अधिक...

बिजनेस डेस्कः खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में सालाना आधार पर बढ़कर 7.79 प्रतिशत हो गई, जो आठ साल का सबसे ऊंचा स्तर है। खाद्य पदार्थों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के चलते खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ी है और यह लगातार चौथे महीने रिजर्व बैंक के लक्ष्य की ऊपरी सीमा से अधिक रही है। ऐसे में अनुमान जताया जा रहा है कि महंगाई पर काबू पाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अगले महीने अपनी नीतिगत समीक्षा के दौरान ब्याज दरों में एक और बढ़ोतरी कर सकता है। 

पिछले सप्ताह रिजर्व बैंक की अचानक आयोजित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो दर को 0.40 प्रतिशत बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया था। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई इस साल मार्च में 6.95 फीसदी और अप्रैल, 2021 में 4.23 प्रतिशत थी। इससे पहले मई, 2014 में खुदरा मुद्रास्फीति 8.33 प्रतिशत के स्तर पर रही थी। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) द्वारा बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य मुद्रास्फीति अप्रैल में बढ़कर 8.38 प्रतिशत हो गई, जो इससे पिछले महीने में 7.68 प्रतिशत और एक साल पहले इसी महीने में 1.96 प्रतिशत थी। 

ईंधन और बिजली श्रेणी में खुदरा मुद्रास्फीति इस साल अप्रैल में बढ़कर 10.80 प्रतिशत हो गई, जो इससे पिछले महीने में 7.52 प्रतिशत थी। समीक्षाधीन माह में तेल और वसा श्रेणी में मुद्रास्फीति 17.28 प्रतिशत (मार्च 2022 में 18.79 प्रतिशत) के उच्चस्तर पर रही। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते खाद्य पदार्थों की महंगाई बढ़ी है। आंकड़ों के मुताबिक, सब्जियों की मुद्रास्फीति अप्रैल में 15.41 प्रतिशत रही, जो मार्च में 11.64 प्रतिशत थी। सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के स्तर पर रहे, जिसमें ऊपर-नीचे दो प्रतिशत तक घट-बढ़ हो सकती है। जनवरी, 2022 से खुदरा मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। 

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति के कारण खाद्य वस्तुओं की कीमतों में हुई भारी बढ़ोतरी का प्रतिकूल प्रभाव घरेलू बाजार में भी दिखाई दे रहा है और आगे मुद्रास्फीति का दबाव जारी रहने की संभावना है। रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘‘अधिक आधार प्रभाव के कारण मई, 2022 में सीपीआई मुद्रास्फीति कुछ कम हो सकती है, हालांकि यह 6.5 प्रतिशत से ऊपर रहेगी।'' 

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