Edited By rajesh kumar,Updated: 21 Sep, 2020 06:33 PM
जीएसटी- पंजीकरण वाले व्यवसायियों, कंपनियों को जल्द ही पहले से भरा रिटर्न फॉर्म, जीएसटीआर-3बी उपलब्ध होगा। जीएसटी नेटवर्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) प्रकाश कुमार ने कहा, ‘हम करदाताओं को पहले से भरा जीएसटीअर-3बी फॉर्म उपलब्ध कराने की दिशा में...
नई दिल्ली: जीएसटी- पंजीकरण वाले व्यवसायियों, कंपनियों को जल्द ही पहले से भरा रिटर्न फॉर्म, जीएसटीआर-3बी उपलब्ध होगा। जीएसटी नेटवर्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) प्रकाश कुमार ने कहा, ‘हम करदाताओं को पहले से भरा जीएसटीअर-3बी फॉर्म उपलब्ध कराने की दिशा में बढ़ रहे हैं। इससे करदाताओं को कर भुगतान में आसानी होगी। शुरुआत में करदाताओं को फॉर्म को ‘संपादित’ करने का विकल्प उपलब्ध होगा, जिससे कंपनियां पूर्व के समायोजन आदि कर सकेंगी।’
जीएसटीएन माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के आईटी ढांचे को संभालता है। जीएसटीएन ने पहले ही करदाता के बिक्री रिटर्न जीएसटीआर-1 के आधार पर कर देनदारी का ब्योरा उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है। इस का इस्तेमाल पीडीएफ के रूप में उसके कर भुगतान फॉर्म जीएसटीआर-3बी में किया जाएगा। इसके अलावा जीएसटीएन करदाता के आपूर्तिकर्ताओं की ओर से दी गई सूचना बीजक के आधार पर इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) ब्योरा भी उपलब्ध करा रहा है।
कुमार ने कहा कि इससे करदाता को पता होगा कि महीने के लिए कितना आईटीसी उपलब्ध है। अभी देनदारी का ब्योरा और आईटीसी अलग पीडीएफ दस्तावेजों में उपलब्ध कराया जाता है। कुमार ने कहा कि दो महीने बाद डेटा के ये दो सेट स्वत: जीासटीआर-3बी में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि यह जीएसटीआर-1, जिसमें बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) इन्वॉयस डेटा के साथ निर्यात का ब्योरा, बिजनेस-टू-कंज्यूमर (बी2सी) शामिल है, को जीएसटीआर-3बी से जोड़ने की दिशा में पहला कदम है।