Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 May, 2018 05:47 PM
राजस्व विभाग ने जीएसटी रिटर्न तय समय पर नहीं भरने के मामले को गंभीरता से लिया है। विभाग वैसी इकाइयों को ई-मेल के जरिए नोटिस भेज रहा है और उनसे समय सीमा बीत जाने के 3 दिन के भीतर रिटर्न जमा करने को कह रहा है।
नई दिल्लीः राजस्व विभाग ने जीएसटी रिटर्न तय समय पर नहीं भरने के मामले को गंभीरता से लिया है। विभाग वैसी इकाइयों को ई-मेल के जरिए नोटिस भेज रहा है और उनसे समय सीमा बीत जाने के 3 दिन के भीतर रिटर्न जमा करने को कह रहा है। हालांकि कानून में 15 दिन तक की समय सीमा रखी गई है।
विभाग के अनुसार केवल 65 प्रतिशत इकाइयां ही समय पर जी.एस.टी. रिटर्न फाइल कर रही हैं। किसी भी महीने की जी.एस.टी. की संक्षिप्त रिटर्न जमा करने की तारीख अगले महीने की 20 तारीख है। माल एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के तहत पंजीकृत कई इकाइयां समयसीमा के बाद रिटर्न जमा कर रही है और देरी से जमा करने के एवज में शुल्क और जुर्माना भी चुका रही है। कर विशेषज्ञों ने कहा कि ये मेल कंप्यूटर प्रणाली द्वारा स्वत: भेजे जा रहे हैं। रिटर्न फाइल करने की समयसीमा तत्काल से लेकर 3 दिन और 15 दिन तक है। समय पर जीएसटीआर- 3 बी या बिक्री रिटर्न जमा नहीं करने वालों को भेजे गए नोटिस में 3 दिन के भीतर रिटर्न फाइल करने को कहा गया है। ऐसा नहीं करने पर कर देनदारी का आकलन जी.एस.टी. कानून , 2017 के तहत किया जाएगा।
नोटिस के अनुसार कर के अलावा आपको कानून के प्रावधानों के तहत ब्याज और जुर्माना भी देना होगा। एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के भागीदार रजत मोहन ने कहा कि जी.एस.टी. कानून के तहत अगर कोई पंजीकृत व्यक्ति रिटर्न समय पर नहीं भरता है, उसे नोटिस जारी किया जाता है। इसके तहत उसे 15 दिन के भीतर रिटर्न जमा करना होता है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार जुलाई के लिए समय पर जी.एस.टी. रिटर्न भरने वालों की संख्या 57.69 प्रतिशत रही। बाद में यह आंकड़ा अब 96.10 तक पहुंच गया। वहीं अगस्त और सितंबर में निर्धारित समय पर रिटर्न भरने वालों का आंकड़ा क्रमश: 36.98 प्रतिशत तथा 50.29 प्रतिशत ही रहा। बाद में ये आंकड़े क्रमश: 93 प्रतिशत और 91 प्रतिशत पहुंच गए। इसी प्रकार जनवरी और फरवरी महीने में 65 प्रतिशत तथा 64 प्रतिशत जी.एस.टी. रिटर्न समय पर भरे गए जो बाद में क्रमश: 91 प्रतिशत तथा 77 प्रतिशत तक पहुंच गया। मार्च के लिए 62.63 प्रतिशत जीएसटीआर-3बी समय पर भरे गए जो कि 30 अप्रैल तक 69.5 प्रतिशत तक पहुंच गए।