देश छोड़ रहे हैं अमीर भारतीय, टैक्स हेवन देशों में ले रहे हैं नागरिकता

Edited By Supreet Kaur,Updated: 18 May, 2018 02:52 PM

rich indians are leaving the country citizenship in tax havens

टैक्स हेवन देशों की नागरिकता हासिल करने के लिए देश के अमीर लोग अपना भारतीय पासपोर्ट सरेंडर कर रहे हैं। इस काम के लिए लाखों डॉलर का खर्च आता है। ऐसा करने के लिए कईे कंपनियां काम कर रही हैं, जिनके दुबई और विदेश के अन्य प्रमुख वित्तीय हब में दफ्तर हैं।...

नई दिल्लीः टैक्स हेवन देशों की नागरिकता हासिल करने के लिए देश के अमीर लोग अपना भारतीय पासपोर्ट सरेंडर कर रहे हैं। इस काम के लिए लाखों डॉलर का खर्च आता है। ऐसा करने के लिए कईे कंपनियां काम कर रही हैं, जिनके दुबई और विदेश के अन्य प्रमुख वित्तीय हब में दफ्तर हैं। ये कंपनियां भारत के वेल्थ मैनेजरों, टैक्स प्रैक्टिशनर्स और वकीलों के बीच अपने संभावित ग्राहक खोज रही हैं।

3-6 महीने का लगता है समय
देश में वित्तीय घोटाला करने के बाद भागने पर कई ऐसे देश हैं, जिनकी नागरिकता आसानी से मिल जाती है। डोमिनिका, सेंट लूसिया, एंटिगुआ, सेंट कीट्स, माल्टा, साइप्रस और ग्रेनाडा जैसे देश घोटाला करने वालों के लिए स्वर्ग हैं। इस प्रोसेस को पूरा करने के लिए 3 से 6 महीने का समय लगता है और 1 लाख से 24 लाख डॉलर का खर्चा आता है। ऐसा करने वालों में 10 फीसदी एनआरआई के अलावा अन्य भारतीय होते हैं।

इस देश में लगते हैं सबसे कम पैसे
हालांकि भारतीयों के लिए सबसे पसंदीदा जगह कैरिबियाई देश हैं, जहां का पासपोर्ट लेने के लिए सबसे कम पैसा खर्च करना होगा। इन देशों का पासपोर्ट से 120 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं। इन देशों में चीन, यूके, सिंगापुर, मलेशिया, हांगकांग जैसे देश शामिल है। इन देशों का पासपोर्ट लेने के लिए लोगों को केवल सरकार को फंड अथवा रियल इस्टेट में निवेश करना होगा। 
 

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