Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Mar, 2019 11:46 AM
जॉनसन एंड जॉनसन के कूल्हे के दोषपूर्ण प्रत्यारोपण से प्रभावित मरीजों के लिए मुआवजे पर विचार करने वाली केन्द्रीय विशेषज्ञ समिति ने पहले मरीज को 74 लाख रुपए का मुआवजा दिए जाने की सिफारिश की है।
नई दिल्लीः जॉनसन एंड जॉनसन के कूल्हे के दोषपूर्ण प्रत्यारोपण से प्रभावित मरीजों के लिए मुआवजे पर विचार करने वाली केन्द्रीय विशेषज्ञ समिति ने पहले मरीज को 74 लाख रुपए का मुआवजा दिए जाने की सिफारिश की है। केन्द्रीय दवा नियामक सी.डी.एस.सी.ओ. ने जॉनसन एंड जॉनसन को निर्देश जारी कर 30 दिन के भीतर मुआवजे का भुगतान करने को कहा है। केन्द्रीय विशेषज्ञ समिति ने विस्तृत विचार के बाद ऐसे मरीजों के लिए मुआवजा तय करने का फार्मूला तैयार किया है। समिति ने सुझाव दिया था कि मरीजों को उन्हें हुई विकलांगता के आधार पर मुआवजे का भुगतान किया जाना चाहिए।
अनुमान है कि 4,000 से ज्यादा मरीज प्रभावित हुए हैं। सरकार ने जॉनसन एंड जॉनसन की सहायक डी. मैडीकल को पत्र लिखकर वर्ष 2025 तक मुआवजा देने को कहा है। यही कम्पनी उपकरण बनाती है।
यह है मामला
साल 2011 से कई लोगों ने शिकायत दर्ज कराई है कि कूल्हे के प्रत्यारोपण के लिए उनकी कम्पनी की तरफ से मुहैया कराए गए उपकरण दोषपूर्ण हैं। महाराष्ट्र फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रिेशन (एफ.डी.ए.) ने मामला अपने हाथ में लिया और साल 2014 में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई। इसमें जॉनसन एंड जॉनसन की सहायक डी सिन्थेस का नाम था लेकिन कानूनी अड़चनों के चलते प्राधिकरण ने मुआवजे पर जोर नहीं दिया। इसके बाद मामला बंबई उच्च न्यायालय पहुंचा। अदालत ने एफ.डी.ए. को सलाह दी कि वह जांच जारी रखे लेकिन तब से कुछ भी नहीं हुआ।
वर्ष 2017 में किया कम्पनी का गठन
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन वर्ष 2017 में किया। इसने फरवरी में अपनी रिपोर्ट सौंपी। मंगलवार को सार्वजनिक की गई इस रिपोर्ट में समिति ने कहा है कि कम्पनी ने ऐसे दोषपूर्ण प्रत्यारोपण से प्रभावित मरीजों के लिए कोई उपचारात्मक कदम नहीं उठाया।