रियल एस्टेट क्षेत्र में नियम सख्त, घटी बिल्डरों की संख्या

Edited By Supreet Kaur,Updated: 09 Jul, 2019 12:36 PM

rule in the real estate sector hard

भारतीय रियल एस्टेट बाजार मंदी के दौर से गुजर रहा है। डाटा एनालिटिक कंपनी प्रोपइक्विटी का कहना है कि साल-दर-साल बड़ी गिरावट और सख्त नियमों से रियल एस्टेट क्षेत्र के छोटे बिल्डर खत्म हो रहे हैं। देश के प्रमुख नौ शहरों में 2011-12 की तुलना में आधे से...

नई दिल्लीः भारतीय रियल एस्टेट बाजार मंदी के दौर से गुजर रहा है। डाटा एनालिटिक कंपनी प्रोपइक्विटी का कहना है कि साल-दर-साल बड़ी गिरावट और सख्त नियमों से रियल एस्टेट क्षेत्र के छोटे बिल्डर खत्म हो रहे हैं। देश के प्रमुख नौ शहरों में 2011-12 की तुलना में आधे से अधिक बिल्डर इस क्षेत्र से बाहर हो गए या फिर उन्होंने बड़े बिल्डरों से हाथ मिला लिया। ये नौ शहर गुरुग्राम, नोएडा, मुंबई, थाणे, पुणे, बंगलूरू, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता हैं।

51 फीसदी कम हुई बिल्डरों की संख्या
रिपोर्ट में बताया गया है कि इन नौ शहरों में बिल्डरों की संख्या 2017-18 में 51 फीसदी घटकर 1,745 रह गई, जबकि 2011-12 में बिल्डरों की संख्या 3,538 थी। आंकड़ों के मुताबिक, समीक्षाधीन अवधि के दौरान गुरुग्राम, नोएडा और चेन्नई में बिल्डरों की संख्या में 70-80 फीसदी की गिरावट जबकि कोलकाता, बंगलूरू और हैदराबाद में 60-65 फीसदी की गिरावट देखी गई है। वहीं, थाणे में बिल्डरों की संख्या में 48 फीसदी, मुंबई में 32 फीसदी और पुणे में 19 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इस समेकन के कारण सभी नौ शहरों में शीर्ष-10 बिल्डरों की बिक्री में इजाफा हुआ है। साथ ही परियोजनाओं के लांच होने की संख्या में भी वृद्धि देखी गई है।

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