डॉलर के मुकाबले रुपया हुआ धड़ाम, पहली बार 70.81 के स्तर पर पहुंचा

Edited By Supreet Kaur,Updated: 30 Aug, 2018 09:39 AM

rupee at lowest level of 70 81 for the first time

डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर 70.81 के स्तर पर आ गया है। डॉलर के मुकाबले रुपया आज 4 पैसे घटकर 70.63 के स्तर पर खुला है। रुपए में क......

बिजनेस डेस्कः डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर 70.81 के स्तर पर आ गया है। डॉलर के मुकाबले रुपया आज 4 पैसे घटकर 70.63 के स्तर पर खुला है। रुपए में कल भी कमजोरी आई थी और ये 70.59 के स्तर पर बंद हुआ था।

एक दिन में रुपए की यह सबसे बड़ी गिरावट
अगस्त 2013 के बाद एक दिन में रुपए की यह सबसे बड़ी गिरावट है। इस साल रुपया अब तक 10 फीसदी टूट चुका है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऑयल इम्पोर्टर्स और विदेशी बैंकों की तरफ से सरकारी बैंकों द्वारा बिक्री से रुपया गिर गया। रुपए की यह गिरावट जल्‍द ही आपकी जेब पर भी असर डालने वाली है।

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पेट्रोल-डीजल होगा महंगा
डॉलर के मुकाबले रुपए के 70 के स्तर पार पहुंचने का असर क्रूड के इंपोर्ट पर हो सकता है। भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी से ज्यादा क्रूड आयात करता है। ऐसे में डॉलर की कीमतें बढ़ने से इनके इंपोर्ट के लिए ज्यादा कीमत चुकानी होगी। इंपोर्ट महंगा होगा तो ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ा सकती हैं।

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बढ़ सकती है महंगाई
देश में खाने-पीने की चीजों और दूसरे जरूरी सामानों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए डीजल का इस्तेमाल होता है। ऐसे में डीजल महंगा होते ही इन सारी जरूरी चीजों के दाम बढ़ेगा। अगर पेट्रोलियम उत्पाद महंगे हुए तो पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ साबुन, शैंपू, पेंट इंडस्ट्री की लागत बढ़ेगी, जिससे ये प्रोडेक्ट भी महंगे हो सकते हैं। ऑटो इंडस्ट्री की लागत बढ़ेगी, साथ ही डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी से माल ढुलाई का खर्च भी बढ़ने का डर रहता है। रुपए में गिरावट बनी रही तो कार कंपनियां आगे कीमतें बढ़ाने पर विचार कर सकती हैं।

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रुपए में कमजोरी के फायदे
रुपए की कमजोरी से आईटी सेक्टर को फायदा मिलेगा। आईटी कंपनियों की बड़ी कमाई एक्सपोर्ट से होती है, ऐसे में कमजोर रुपए से फायदा जरूर मिलेगा। फार्मा कंपनियों को भी फायदा होगा। फार्मा कंपनियों के कारोबार में एक्सपोर्ट बड़ा हिस्सा है और डॉलर में आमदनी का बड़ा हिस्सा है। पश्चिमी देशों में बड़ी कंपनियों का कारोबार है। टूरिज्म सेक्टर को भी फायदा होगा। कमजोर रुपए से ज्यादा टूरिस्ट भारत आना चाहेंगे। साथ ही कमजोर रुपए की वजह से भारत में यात्रा सस्ती होगी। 

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