Edited By Pardeep,Updated: 06 Sep, 2018 05:34 AM
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि रुपए की गिरावट में घरेलू कारकों की कोई भूमिका नहीं है और यह वैश्विक कारकों से गिर रहा है। जरूरत के अनुरूप रिजर्व बैंक कदम उठाएगा।जेतली ने देर रात यहां मीडिया से कहा कि दुनिया की अधिकांश मुद्रायें डॉलर की...
नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि रुपए की गिरावट में घरेलू कारकों की कोई भूमिका नहीं है और यह वैश्विक कारकों से गिर रहा है। जरूरत के अनुरूप रिजर्व बैंक कदम उठाएगा।
जेतली ने देर रात यहां मीडिया से कहा कि दुनिया की अधिकांश मुद्रायें डॉलर की तुलना में कमजोर हुई है। सिर्फ भारतीय मुद्रा ही डॉलर की तुलना में कमजोर नहीं हुई है। रुपया बल्कि दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में मजबूत हुआ है या स्थिर है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की नीतियों के कारण वहां डॉलर का प्रवाह बढऩे से उसकी मुद्रा मजबूत हुई है। इसका असर पूरी दुनिया पर हो रहा है।
उन्होंने कहा कि दुनिया की चार प्रमुख मुद्राओं की तुलना में रुपया मजबूत हुआ या स्थिर है। उन्होंने शीघ्र ही रुपए में सुधार होने की उम्मीद जताते हुए कहा कि दुनिया की सबसे तेज गति से बढऩे वाली अर्थव्यवस्था इसके लिए आनफानन में कदम नहीं उठा सकती है। जरूरत पडऩे पर रिजर्व बैंक आवश्यक कदम उठाएगा।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों से राहत के नहीं दिए कोई संकेत
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली ने बुधवार को भी पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों में राहत देने के लिए उत्पाद शुल्क में कटौती के कोई संकेत नहीं दिए। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में उतार-चढ़ाव हो रहा है और इनमें कोई तय बदलाव नहीं दिख रहा है। जेतली ने कांग्रेस शासनकाल के दौरान पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों की सुषमा स्वराज और उनके खुद के द्वारा की गई आलोचना का बचाव करते हुए कहा कि उस समय मुद्रास्फीति दहाई अंकों में थी। यदि हम उस समय आलोचना नहीं करते तो यह कर्तव्यों से विमुख होना होता।