Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Feb, 2019 05:22 PM
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया लुढ़ककर 78 के स्तर पर आ सकता है। इसका बड़ा कारण बढ़ता राजकोषीय तथा चालू खाते का घाटा है। ये दोनों घरेलू मुद्रा के लिए सबसे बड़ी समस्या है। कार्वी की सालाना जिंस एवं मुद्रा रिपोर्ट
नई दिल्लीः अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया लुढ़ककर 78 के स्तर पर आ सकता है। इसका बड़ा कारण बढ़ता राजकोषीय तथा चालू खाते का घाटा है। ये दोनों घरेलू मुद्रा के लिए सबसे बड़ी समस्या है। कार्वी की सालाना जिंस एवं मुद्रा रिपोर्ट, 2019 के अनुसार यह साल जिंस और मुद्रा बाजार के लिए मिला-जुला रह सकता है तथा उक्त दोनों घाटों के कारण डॉलर के मुकाबले रुपए की विनिमय दर में और गिरावट आ सकती है।
कार्वी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (जिंस और मुद्रा) रमेश वाराखेदकर ने कहा, ‘‘डॉलर के मुकाबले रुपया 68 से 69.50 के आधार से ऊपर जा सकता है। इसके 73.70 से 74.50 के स्तर तक जाने की आशंका है।’’ उन्होंने आगे कहा कि अगर भारतीय मुद्रा 74.50 के स्तर को पार करता है तब यह 2019 में लुढ़ककर 78 के स्तर तक जा सकता है। पुन: चुनावी वर्ष को देखते हुए विदेशी संस्थागत निवेशक और विदेशी प्रत्यक्ष निवेशक भारतीय बाजार में निवेश से बचने का प्रयास कर सकते हैं। इसका कारण चुनाव परिणाम को लेकर अनिश्चितता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हम सामान्यत: देखते हैं कि निजी निवेश चुनावी वर्ष में कम होता है। इससे चालू खाते का घाटा (कैड) या भुगतान संतुलन (बीओपी) में 2018-19 की दूसरी छताही में सुधार की संभावना नहीं है।’’ कैड 2018-19 की पहली छमाही में 34.94 अरब डॉलर था जो पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में 48.72 अरब डॉलर था। वहीं भुगतान संतुलन 2018-19 की पहली छमाही में 13.20 अरब डॉलर प्रतिकूल था। वाराखेदकर ने यह भी कहा कि 2019 सर्राफा वर्ष हो सकता है जहां सुरक्षित निवेश के रूप में लिवाली से सोना और चांदी का प्रदर्शन बेहतर रहने का अनुमान है।