रूस ने भारत को  35 डॉलर के डिस्काउंट पर कच्चा तेल बेचने का दिया ऑफर

Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Apr, 2022 02:32 PM

russia ready to give oil to india at a discount of 35

रूस और यूक्रेन के बीच जारी भीषण युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं। इस बीच बड़े तेल उत्पादकों में शामिल रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के चलते वो तेल का निर्यात नहीं कर पा रहा है। ऐसे में रूस ने अब भारी छूट के साथ तेल बेचने की तैयारी

बिजनेस डेस्कः रूस और यूक्रेन के बीच जारी भीषण युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं। इस बीच बड़े तेल उत्पादकों में शामिल रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के चलते वो तेल का निर्यात नहीं कर पा रहा है। ऐसे में रूस ने अब भारी छूट के साथ तेल बेचने की तैयारी कर ली है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, उसने भारत को 35 डॉलर प्रति बैरल तक की छूट के साथ 15 मिलियन बैरल तेल खरीदने की पेशकश की है। सूत्रों के मुताबिक, जिस हिसाब से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में तेजी आ रही है, यह छूट 45 फीसदी तक बढ़ाई जा सकती है।  

रूस के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श 
रिपोर्ट के मुताबिक, एक ओर जहां रूस भारत को किफायती दरों पर भारी छूट के साथ तेल देने के लिए तैयार है, तो दूसरी ओर तेल-गैस का भुगतान रूबल में करने के फैसले को लेकर भी भारत को राहत देने का प्रस्ताव दिया गया है। दरअसल, डॉलर में भुगतान बंद होने की वजह से रूस के केंद्रीय बैंक ने पेमेंट के लिए एक नया सिस्टम विकसित किया है। रिपोर्ट के अनुसार, रूस के मैसेजिंग सिस्टम एसपीएफएस (एसपीएफएस) के इस्तेमाल से भारत रुपए-रूबल में भुगतान कर सकता है। इस खास सिस्टम में रूसी मुद्रा यानी रूबल को भारतीय बैंकों में जमा किया जाएगा और फिर इसे भारतीय मुद्रा यानी रुपए में बदल दिया जाएगा। ठीक इसी तरह रुपए को रूबल में बदलकर भुगतान किया जाएगा। हालांकि, अभी तक भारत सरकार ने इस प्रस्ताव पर कोई फैसला नहीं किया है।

अमेरिका ने कर ली है ये तैयारी 
गौरतलब है कि गुरुवार को आई खबर के अनुसार, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आसमान पर पहुंची तेल की कीमतों को कम करने के मकसद से अमेरिका अपने रिजर्व से 18 करोड़ बैरल ऑयल कर सकता है। यूएसए के इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (आईईए) के सदस्य देश भी अपने भंडार से तेल रिलीज करने के बारे में सोच रहे हैं। अन्य देश भी इसी तरह की योजना बना रहे हैं, जिसपर फैसला आज होने वाली बैठक में फैसला लिया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर आईईए के सदस्य देशों में इस बारे में सहमति बन जाती है तो क्रूड की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है। बता दें कि रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद से ब्रेंट क्रूड की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। बीते दिनों कच्चे तेल की कीमतें 14 साल के उच्च स्तर पर 139 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई थीं।  

अमेरिका के रिजर्व में इतना तेल मौजूद  
रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल अमेरिका के रिजर्व में 56.8 करोड़ बैरल क्रूड मौजूद है। हालांकि, यह मई 2002 के बाद सबसे कम भंडारण है। गोल्डमैन सैक्स ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका द्वारा अपने रिजर्व से ऑयल रिलीज करने से इसकी सप्लाई रोजाना 10 लाख बैरल बढ़ जाएगी। विशेषज्ञों की मानें तो अमेरिका के इस कदम से भारत को भी फायदा पहुंचेगा। क्यों कि भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी तेल आयात करता है। गौरतलब है कि चार नवंबर 2021 के बाद भारत में तेल की कीमतों में बदलाव नहीं किया गया था, लेकिन बीते दस दिनों में ही देश में नौ बार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा हो चुका है।  

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!