Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Jun, 2020 12:43 PM
अक्षय ऊर्जा प्रमाणपत्रों की बिक्री मई महीने में 55 प्रतिशत घटकर 3.33 लाख इकाई रह गई। एक साल पहले समान महीने में यह आंकड़ा 7.5 लाख इकाई का रहा था। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
नई दिल्लीः अक्षय ऊर्जा प्रमाणपत्रों की बिक्री मई महीने में 55 प्रतिशत घटकर 3.33 लाख इकाई रह गई। एक साल पहले समान महीने में यह आंकड़ा 7.5 लाख इकाई का रहा था। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। अक्षय ऊर्जा प्रमाणपत्र (आरईसी) एक प्रकार का बाजार आधारित प्रमाणन है।
पात्र अक्षय ऊर्जा स्रोत से एक मेगावॉट घंटे की बिजली के उत्पादन पर एक आरईसी का सृजन होता है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (आईईएक्स) में मई में कुल 2.78 लाख आरईसी का कारोबार हुआ। 2019 में समान महीने में आरईसी का कारोबार 5.5 लाख इकाई रहा था।
इसी तरह पावर एक्सचेंज ऑफ इंडिया (पीएक्सआईएल) में मई में 55 हजार आरईसी की बिक्री हुई। एक साल पहले समान महीने में यह आंकड़ा दो लाख इकाई का रहा था। आईईएक्स और पीएक्सआईएल द्वारा आरईसी और बिजली का व्यापार किया जाता है। आरईसी का कारोबार प्रत्येक महीने के आखिरी बुधवार को होता है।