Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 May, 2019 11:43 AM
यूरोप और अमेरिका में लंबे समय तक होने वाली बर्फबारी नमक निर्माताओं के लिए वरदान बन गया है। कई देशों में भारी बर्फबारी के चलते सड़कों से बर्फ हटाने के लिए नमक की मांग में बढ़ोतरी हो गई है। अमेरिका में 90 प्रतिशत नमक का आयात भारत से हो रहा है।
राजकोटः यूरोप और अमेरिका में लंबे समय तक होने वाली बर्फबारी नमक निर्माताओं के लिए वरदान बन गया है। कई देशों में भारी बर्फबारी के चलते सड़कों से बर्फ हटाने के लिए नमक की मांग में बढ़ोतरी हो गई है। अमेरिका में 90 प्रतिशत नमक का आयात भारत से हो रहा है। सड़कों से बर्फ को हटाने का काम ज्यादातर सोडियम क्लोराइड या अन्य केमिलकल का उपयोग करके होता है। इसके लिए नमक का उपयोग किया जाता है। बर्फबारी के चलते सड़कें फिसलन भरी हो जाती हैं। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जल्द से जल्द बर्फ को पिघलाना जरूरी होता है।
भारत से बड़ी मात्रा में होता है नमक आयात
गुजरात में बनने वाला नमक चीन के रास्ते यूरोप, अमेरिका और रूस पहुंचता है। इसमें लॉजिस्टिक का खर्च भी कम आता है। चीन भी भारत से बड़ी मात्रा में नमक आयात करता है और यह अपना खराब क्वॉलिटी वाला नमक ध्रुवीय प्रदेशों में डीआइसिंग के लिए निर्यात करता है।
नमक निर्यात में हुई वृद्धि
इंडियन साल्ट मैन्युफैक्चरर असोसिएशन (ISMA) के मुताबिक 2 साल में चीन को होने वाले नमक के निर्यात में लगभग दोगुने की वृद्धि हो गई है। ISMA प्रेजिडेंट भारत रावल ने बताया, 'चीन के रास्ते अमेरिका, यूरोप और रूस को नमक भेजना आसान होता है।' उन्होंने कहा, 'अमेरिका रोड ऐक्सिडेंट में होने वाली मौतों पर ज्यादा ध्यान देता है। यूएस डीआइसिंग के लिए पहले खराब क्वॉलिटी के नमक का इस्तेमाल करता था लेकिन अब वह अच्छा नमक इस्तेमाल करता है।'