अक्षय तृतीया का मौका चूकेंगे सराफ!

Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Apr, 2020 03:48 PM

saraf will miss the opportunity for akshay tritiya

सोने में निवेश ने पिछले एक साल के दौरान 44.6 फीसदी प्रतिफल दिया है क्योंकि सोने की कीमतों में तगड़ी बढ़ोतरी हुई है। सोने का कारोबार आज 45,550 रुपए प्रति 10 ग्राम पर हुआ,

नई दिल्लीः लॉकडाउन शुरू हुए करीब एक महीना हो गया है और आभूषणों की दुकानें बंद हैं लेकिन आभूषणों की सबसे अधिक मांग वाला महीना बेकार चला जाना सराफों के लिए सबसे मुश्किल और वित्तीय बोझ बढ़ाने वाला साबित हो सकता है।

लोगों के पास नकदी की किल्लत
मार्च से सराफों का कारोबार ठप है क्योंकि उस समय सोने की कीमतें ऊंची थीं। इसके अलावा एक पखवाड़े तक शुभ समय नहीं होने से कोई खरीदारी नहीं हुई। हालांकि सभी सराफों ने शादियों और अक्षय तृतीया (26 अप्रैल को) की मांग पूरी करने के लिए सोने का स्टॉक किया था। हालांकि अब लोगों के पास नकदी की किल्लत है, इसलिए सराफों को डर है कि जब उन्हें फिर से स्टोर खोलने की मंजूरी दी जाएगी तो ग्राहक अपने हाथ में नकदी के लिए सोना खरीदने के बजाय बेचने को उमड़ सकते हैं।

हो रहा भारी नुकसान
ऑल इंडिया जेम्स ऐंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल (जीजेसी) के चेयरमैन अनंत पद्मनाभन ने कहा, 'इस साल 26 अप्रैल को आने वाली अक्षय तृतीया आभूषण निर्माताओं के लिए अच्छा नहीं होगा क्योंकि देश भर में लॉकडाउन है। आभूषणों की बिक्री थम गई है। फैक्टरियां बंद हैं, जिससे आभूषण विनिर्माताओं और खुदरा विक्रेताओं को भारी नुकसान हो रहा है।'

उद्योग का अनुमान है कि पिछले साल अक्षय तृतीया के मौके पर सराफों ने आभूषणों और निवेश के रूप में 33 टन सोने की बिक्री की थी। घरेलू आभूषण विनिर्माताओं और खुदरा विक्रेताओं ने कामगार कल्याण कोष बनाया है ताकि कामगारों और उनके परिवार की रोजी-रोटी का ख्याल रखा जा सके। इस कोष में शुरुआत में तीन करोड़ रुपए की राशि डाली गई थी।

निवेशकों का हुआ मोह भंग
मुंबई के एक सराफा डीलर और खुदरा आभूषण विक्रेता उमेदमल तिलकचंद जवेरी के निदेशक कुमार जैन ने कहा, 'हमने ऑनलाइन गहने बेचने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाए। इस अक्षय तृतीया का मौका बेकार चला गया है। इस बार गुडी पड़वा पर भी बिक्री नहीं हो पाई थी।' सोने की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के कारण भी इस बार अक्षय तृतीया पर सोने की खरीदारी को लेकर निवेशकों का मोह भंग हुआ है।

सोने की कीमतों में हुई बढ़ोतरी
सोने में निवेश ने पिछले एक साल के दौरान 44.6 फीसदी प्रतिफल दिया है क्योंकि सोने की कीमतों में तगड़ी बढ़ोतरी हुई है। सोने का कारोबार आज 45,550 रुपए प्रति 10 ग्राम पर हुआ, जबकि पिछले साल 7 मई अक्षय तृतीया पर सोने का कारोबार 31,500 रुपए प्रति 10 ग्राम पर हुआ था। इससे सराफों के लिए एक और समस्या पैदा हो सकती है। इस समय मांग खत्म हो गई है और ग्राहक पुराना सोना बेचने के लिए बाजार में उमड़ सकते हैं। 

लॉकडाउन की वजह से कारोबार बंद
वामन हरि पेथे ज्वैलर्स के निदेशक आदित्य पेथे ने कहा, 'जिन ग्राहकों को पैसे की जरूरत है, वे अपना सोना या आभूषण बेचने के लिए आ सकते हैं क्योंकि सोने की कीमतें उनकी खरीद की कीमतों से काफी ऊंची हैं। हालांकि हमें देखना होगा कि जब दुकानें फिर से खुलेंगी तो यह आशंका सही साबित होती या नहीं।' हालांकि वह सोने की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण ज्यादा चिंतित हैं। इससे ऐसे समय मार्जिन पर दबाव आ रहा है, जब लॉकडाउन की वजह से कारोबार बंद है। बहुत से सराफ बैंकों से कर्ज के रुप में सोना लेते हैं। इस सोने से बने गहने बेचने के बाद कर्ज सोने के रुप में ही लौटाते हैं। अगर सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं तो उन्हें आभूषणों के अधिक दाम मिलते हैं और इस तरह उन्हें कीमतों में बढ़ोतरी से सुरक्षा मिलती है। 

सरकार से किया राहत का आग्रह 
उद्योग के अनुमानों के मुताबिक किसी भी दिन औसतन 100 टन सोना गोल्ड मेटल के रुप में बकाया रहता है। हालांकि बैंक गोल्ड मेटल लोन लेने वाले सराफों से गिरवी संपत्ति के रुप में मार्जिन लेते हैं। यह सार्जिन सोने की कीमत पर तय होता है। अब सोने की कीमतें बढ़ रही हैं इसलिए बैंक ज्यादा मार्जन की मांग कर रहे हैं। लॉकडाउन के समय मार्जिन की मांग से सभी सराफ चिंतित हैं, जिन पर गोल्ड मेटल लोन बकाया है। इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन ने सरकार से इस मुश्किल दौर में उद्योग को राहत देने का आग्रह किया है।
 

 

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