Edited By rajesh kumar,Updated: 28 Aug, 2020 01:02 PM
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि उन्हें कॉरपोरेट जगत से ऋण पुनर्गठन के लिये कम संख्या में अनुरोध प्राप्त होने की उम्मीद है।
मुंबई: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि उन्हें कॉरपोरेट जगत से ऋण पुनर्गठन के लिये कम संख्या में अनुरोध प्राप्त होने की उम्मीद है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस महीने की शुरुआत में कोविड-19 से प्रभावित होने वाले कॉरपोरेट और खुदरा दोनों क्षेत्रों के लिये एक बार रिण पुनर्गठन की अनुमति दी है।
कुमार ने कहा अभी मैं कॉरपोरेट जगत के लिये कह सकता हूं कि कर्ज बोझ कम करने और कई तरह के समाधानों के कारण काफी कद तक सफाई हो चुकी है। इसके अतिरिक्त कई ऋण खातों से आरबीआई की सात जून की मौजूदा रूपरेखा के निपटा जा रहा है। अभी तक बहुत अधिक अनुरोध (रिण पुनर्गठन) नहीं मिले हैं और मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में भी अधिक अनुरोध नहीं मिलने वाले हैं।
एसबीआई चेयरमैन ने एक समाचार पत्र द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि व्यक्तिगत रिण क्षेत्र से पुनर्गठन के कुछ अनुरोध मिल सकते हैं और जहां तक पी-खंड (व्यक्तिगत ऋण खंड) का सवाल है, हम ऐसे अनुरोधों से निपटने के लिये तैयार हो रहे हैं। पुनर्गठन का लाभ उन ऋण खातों को ही मिलेगा जो एक मार्च तक मानक थे और किस्तों के भुगतान में चूक 30 दिन से अधिक की नहीं हुई हो।
कुमार ने कहा कि बैंक पुनर्गठन के अनुरोधों पर मामले के हिसाब से अलग अलग विचार करेंगे और नियमन के दायरे में आवश्यक कदम उठायेंगे। एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक आदित्य पुरी ने इसी कार्यक्रम में कहा कि कर्ज की किस्तें चुकाने में दी गयी छह महीने की राहत अच्छा कदम रहा, क्योंकि इससे नकदी प्रवाह पर सकारात्मक असर हुआ।