ई-कॉमर्स कंपनियों की छूट से गिर सकती है खुदरा महंगाई

Edited By ,Updated: 25 Oct, 2015 02:07 PM

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त्यौहारी सीजन में ऑनलाइन खुदरा कारोबारी कंपनियों द्वारा विभिन्न उत्पादों पर दी जा रही भारी छूट से वास्तविक खुदरा महंगाई 0.25 प्रतिशत तक कम हो सकती है।

नई दिल्लीः त्यौहारी सीजन में ऑनलाइन खुदरा कारोबारी कंपनियों द्वारा विभिन्न उत्पादों पर दी जा रही भारी छूट से वास्तविक खुदरा महंगाई 0.25 प्रतिशत तक कम हो सकती है। भारतीय स्टेट बैंक की एसबीआई रिसर्च के मुताबिक ऑनलाइन कारोबार देश में तेजी से उभरने वाला क्षेत्र है और वर्ष 2009 से 2014 के दौरान इसमें 56 प्रतिशत की दर से सलाना बढ़ौतरी दर्ज की गई है। इस साल यह अबतक करीब 38 हजार 868 करोड़ रुपए का हो चुका है। उसने इकोरैप रिपोर्ट में कहा कि सिर्फ चुनिंदा उत्पादों पर दी जा रही छूट से ही वास्तविक खुदरा महंगाई सूचकांक में कम से कम 25 आधार अंकों की गिरावट आएगी। 

खुदरा मंहगाई का आंकलन करने की पद्धति में विसंगति होने के कारण यह अंतर आता है और ई-कॉमर्स इन्हीं विसंगतियों में से एक है। उसने कहा कि यदि कीमतों पर दी जा रही छूट को आंकलन में शामिल नहीं किया जाता है तब भी विसंगति आने की संभावना होती है। 

रिपोर्ट के मुताबिक ऑनलाइन खुदरा कारोबार में किताबें, कपड़े, एसेसरीज और इलैक्ट्रॉनिक्स सबसे ज्यादा बिकने वाले उत्पाद हैं और यह ई-कॉमर्स कंपनियों की कुल बिक्री में 80 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हैं। उसने कहा, "स्मार्टफोन, टैबलेट, ब्रॉडबैंड, थ्री-जी एवं फोर-जी के बढ़ते इस्तेमाल के कारण उपभोक्ताओं की संख्या में लगातार बढ़ौतरी हो रही है। इसी कारण खुदरा महंगाई का निर्धारण करने में फ्लिपकार्ट, अमेजॉन एवं स्नैपडील जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा दी जाने वाली छूटों को शामिल किया जाना आवश्यक है और यदि ऐसा किया जाता है तो इसकी विसंगतियां कम की जा सकेगी।"

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