Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Jul, 2019 04:27 PM
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ग्राहकों के लिए एक अच्छी खबर है। एसबीआई ने इंस्टेंट मनी पेमेंट सर्विस (IMPS) पर लगने वाले चार्ज को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। अब ग्राहकों को IMPS करने पर भी किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना होगा।
बिजनेस डेस्कः देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ग्राहकों के लिए एक अच्छी खबर है। एसबीआई ने इंस्टेंट मनी पेमेंट सर्विस (IMPS) पर लगने वाले चार्ज को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। अब ग्राहकों को IMPS करने पर भी किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना होगा। नया नियम एक अगस्त 2019 से लागू होगा।
इससे पहले YONO एप के जरिए NEFT और RTGS लेनदेन के साथ ही इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैकिंग के लिए चार्ज 1 जुलाई 2019 से ही समाप्त कर दिया गया है। आपको बता दें कि SBI ने अपनी शाखा के जरिए NEFT और RTGS करने वाले लोगों के लिए पहले ही चार्जेज 20 फीसदी घटा चुका है। बैंक ने यह कदम डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए उठाया है। देश के सबसे बड़े बैंक ने YONO, इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया है।
छह जून को हुई आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की समीक्षा बैठक में आरबीआई ने आम जनता को बड़ा तोहफा देते हुए रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) और नेशनल इलेक्ट्रिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) के जरिए होने वाला लेन-देन के निःशुल्क कर दिया था।
कितना लेता था SBI चार्ज?
10,000 रुपए तक के ट्रांसफर के लिए बैंक ढाई रुपए वसूलता था। वहीं 10,000 रुपए से 1 लाख रुपए तक के लिए NEFT चार्ज 5 रुपए है। 1 से दो लाख रुपए तक के लिए यही चार्ज 15 रुपए और दो लाख रुपए से ऊपर के लिए 25 रुपए है। अगर RTGS की बात करें तो बैंक 25 रुपए से 56 रुपए तक वसूलता था। RTGS दो लाख रुपए से अधिक की रकम के लिए होता है। RBI ने अपनी हालिया मौद्रिक नीति समीक्षा में RTGS और NEFT चार्ज 1 जुलाई से खत्म करने का निर्णय किया था।