Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 May, 2019 03:37 PM
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का एकल शुद्ध लाभ 2018-19 की जनवरी-मार्च तिमाही में 838.40 करोड़ रुपए रहा। 2017-18 की इसी तिमाही में उसे 7,718.17 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। देश के सबसे बड़े बैंक की कुल आय 2018-19 की चौथी तिमाही में
नई दिल्लीः भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का एकल शुद्ध लाभ 2018-19 की जनवरी-मार्च तिमाही में 838.40 करोड़ रुपए रहा। 2017-18 की इसी तिमाही में उसे 7,718.17 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। देश के सबसे बड़े बैंक की कुल आय 2018-19 की चौथी तिमाही में 10.6 प्रतिशत बढ़कर 75,670.50 करोड़ रुपए रही। फंसे कर्ज या गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) का स्तर नीचे आने से बैंक को मुनाफा हुआ।
रेग्युलेटरी फाइलिंग में बैंक की ओर से बताया गया है कि 2018-19 की मार्च तिमाही में कंपनी की आमदनी 11 फीसदी इजाफे के साथ 75,670.50 करोड़ रुपए रही, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 68,436.06 हजार करोड़ की आमदनी हुई थी। पूरे वित्त वर्ष (2018-19) में बैंक को 3,069.07 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ है, जबकि 2017-18 में बैंक को 4,187.41 करोड़ का नुकसान हुआ था। बैंक की कुल आमदनी भी वित्त वर्ष 18 के मुकाबले 3.01 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 3.30 लाख करोड़ रही।
एनपीए में कमी
आलोच्य अवधि में एसबीआई के ऋणों की गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया गया। मार्च 2019 के अंत तक बैंक की सकल एनपीए घट कर सकल कर्ज के 7.53 प्रतिशत के बराबर थी। मार्च 2018 के अंत में एसबीआई की सकल एनपीए 10.91 प्रतिशत थी। इस दौरान शुद्ध एनपीए का स्तर भी घट कर 3.01 प्रतिशत रह गया। एक साल पहले यह 5.73 प्रतिशत था।
बैड लोन्स में आई कमी
एसबीआई द्वारा जारी नतीजों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 की अंतिम तिमाही के दौरान बैंक का खुदरा बैंकिंग बिजनेस 15.3 फीसदी की बढ़त के साथ 33,662 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गया। वहीं मार्च, 2019 के अंत तक ग्रॉस एडवांस की तुलना में ग्रॉस एनपीए घटकर 7.53 फीसदी रह गया, जबकि मार्च, 2018 के अंत तक यह आंकड़ा 10.91 फीसदी रहा था। वहीं नेट एनपीए या बैड लोन्स 5.73 फीसदी से घटकर 3.01 फीसदी रह गए।