Edited By rajesh kumar,Updated: 30 Jul, 2020 12:45 PM
कोरोना वायरस के संक्रमण के डर के चलते लोगों में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की ओर सुझान बढ़ा है। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का प्रयोग ज्यादा होने से ऑनलाइन फ्रॉड के मामले भी बढ़ने लगे हैं। ऐसे में SBI बैंक अपने ग्राहकों को ऑनलाइन फ्रॉड से बचाने के लिए आगे आया है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण के डर के चलते लोगों में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की ओर सुझान बढ़ा है। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का प्रयोग ज्यादा होने से ऑनलाइन फ्रॉड के मामले भी बढ़ने लगे हैं। ऐसे में SBI बैंक अपने ग्राहकों को ऑनलाइन फ्रॉड से बचाने के लिए आगे आया है। SBI ने ग्राहकों को अपने ट्विटर अकाउंट पर ऑनलाइन फ्रॉड से बचने का तरीका बताया है।
SBI की ओर से किए गए ट्वीट में लिखा गया है फिशिंग से सावधान रहें अपनी कोई भी निजी जानकारी इंटरनेट पर शेयर न करें। SBI ने जारी की अपनी वीडियों में बताया है कि फ्रॉड से बचने के लिए इन उपायों का पालन करें।
क्या है फिशिंग?
फिशिंग' एक किस्म की इंटरनेट थेफ्ट है। इसका प्रयोग ग्राहकों की गोपनीयता की जानकारी, जैसे- बैंक खाता संख्या, नेट बैंकिंग पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड नंबर, व्यक्तिगत पहचान का ब्योरा आदि चुराने के लिए किया जाता है। इसमें हैकर, बाद में इस जानकारी का उपयोग पीड़ित व्यक्ति के खाते से पैसा निकालने या उसके क्रेडिट कार्ड्स से बिलों का भुगतान करने के लिए कर सकता है।
फिशिंग अटैक से बचने के लिए क्या करें :
- हमेशा एड्रेस बार में ठीक यूआरएल टाइप करके साइट पर लॉगऑन करें।
- केवल प्रमाणीकृत लॉगइन पेज पर ही अपना यूज़र ID और IDEnter करें।
यूज़र अपना ID और Password देने से पहले कृपया यह सुनिश्चित करें कि लॉगइन पेज का URL 'https://'text के साथ शुरू होता है और यह 'http://' नहीं है। 'S' से तात्पर्य है ' सुरक्षित ' जो इस बात का सिंग्नल देता है कि वेब पेज में एन्क्रिप्शन का इस्तेमाल किया गया है।
- हमेशा, ब्राउज़र और वेरीसाइन प्रमाण पत्र के दाहिनी ओर सबसे नीचे स्थित लॉक चिह्न को खोजें।
- फोन / इंटरनेट पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी केवल तभी दें जब आपने कॉल या सत्र शुरू किया है और सामने वाले व्यक्ति की आपके द्वारा विधिवत पुष्टि कर ली गई है।
- कृपया यह ध्यान रखें कि बैंक कभी भी आपसे ई-मेल के माध्यम से आपके खाते की जानकारी की पुष्टि करने के लिए पूछताछ नहीं करेगा।