Edited By Supreet Kaur,Updated: 31 Oct, 2018 11:13 AM
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सरसों की जीन संर्विधत (जीएम) फसल के खेतों में परीक्षण पर अपना रुख दो सप्ताह में स्पष्ट करने को कहा है। न्यायमूर्ति एम बी लोकुर, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने केंद्र से सरसों की जीएम...
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सरसों की जीन संर्विधत (जीएम) फसल के खेतों में परीक्षण पर अपना रुख दो सप्ताह में स्पष्ट करने को कहा है। न्यायमूर्ति एम बी लोकुर, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने केंद्र से सरसों की जीएम फसल के कथित खेत परीक्षण पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है।
एनजीओ ‘जीन कैम्पेन’ की ओर से उपस्थित अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि केंद्र ने इससे पहले कोर्ट को भरोसा दिलाया था कि बिना अदालत की अनुमति के जीएम फसलों का खेत परीक्षण नहीं किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने जीएम फसल के खेत में परीक्षण की अनुमति दी है जिससे बीज का भंडार गड़बड़ा जाएगा और उसके बाद यह स्थिति काफी बिगड़ जाएगी और पुरानी स्थिति में लौटना मुश्किल हो जाएगा।
पीठ ने केंद्र से इस पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद तय की गई है। शीर्ष कोर्ट को 22 नवंबर, 2017 को बताया गया था कि सरकार ने अभी तक सरसों की जीएम फसल का खेत में परीक्षण पर कोई फैसला नहीं कया है और इस बारे में कोई भी अंतिम निर्णय लेने से पहले सभी अंशधारकों की राय ली जाएगी। केन्द्र सरकार ने पिछले साल 15 सितंबर को शीर्ष कोर्ट से कहा था कि उसने जीएम सरसों फसल की वाणिज्यिक खेती करने के लिए किसी प्रकार की मंजूरी नहीं दी है। उसकी मंजूरी के बिना इसकी कोई खेती नहीं होगी। सरकार ने कहा था कि उसने इस संबंध में राज्य सभा की उप-समिति की सिफारिशों को कोई मंजूरी नहीं दी है।