Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 May, 2018 05:59 PM
आम्रपाली के विभिन्न हाउजिंग प्रॉजेक्ट्स में फ्लैट खरीदने वाले 43 हजार से अधिक ग्राहकों के पैसे सुरक्षित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ग्राहकों को आश्वस्त किया है। सर्वोच्च अदालत में जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित
नई दिल्लीः आम्रपाली के विभिन्न हाउजिंग प्रॉजेक्ट्स में फ्लैट खरीदने वाले 43 हजार से अधिक ग्राहकों के पैसे सुरक्षित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ग्राहकों को आश्वस्त किया है। सर्वोच्च अदालत में जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। बेंच आम्रपाली के प्रॉजेक्ट्स के सैकड़ों खरीदारों की तरफ से दाखिल याचिका पर सुनवाई के साथ निर्माण कार्य का भी सुपरविजन कर रही है। बेंच ने गुरुवार को चिंतित निवेशकों से कहा कि अदालत आपके हितों की रक्षा करेगी। जरूरी हुआ तो कंपनी और उसके प्रमोटरों की संपत्ति की नीलामी कर आपका पैसा रीफंड किया जाएगा।
बेंच ने कहा कि आपका पैसा सुरक्षित है। अब आप कोर्ट के समक्ष हैं और हम उनकी प्रॉपर्टी बेच कर आपका पैसा निकाल लेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप से उस 2766 करोड़ रुपए का ब्यौरा भी मांगा है जो दूसरी फर्मों को ट्रांसफर किए गए। इस पैसा का उपयोग निर्धारित मदों में नही किए जाने का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अगले पांच दिनों में वित्तीय लेनदेन और लेखा विवरण पेश करने को कहा है।
उच्चतम न्यायालय ने गौर किया कि कंपनी ने उसके समक्ष दाखिल अपने हलफनामे में कहा था कि 2766 करोड़ रुपए दो अन्य कंपनियों को हस्तांतरित किए गए थे। न्यायालय ने कहा है कि कंपनी ने स्थिति को जटिल बना दिया है और इसका हल करने की जरूरत है ताकि परेशान घर खरीदारों को राहत मिल सके। बेंच ने कहा कि कंपनी को स्पष्ट करना होगा कि किन प्रावधानों के तहत एक परियोजना के पैसे दूसरी कंपनियों को हस्तांतरित किए गए।