SC ने सहारा समूह को दी राहत, अपनी पसंद की संपत्ति बेचने का दिया अधिकार

Edited By vasudha,Updated: 19 Apr, 2018 08:07 PM

sc gives relief to sahara group

उच्चतम न्यायालय ने सहारा समूह को राहत देते हुए महाराष्ट्र स्थित एंबी वैली परियोजना में अपनी पसंद से संपत्ति का कोई भी हिस्सा बेचने की अनुमति दे दी हैं कोर्ट ने कहा है कि संपत्ति की बिक्री 15 मई तक पूरी होनी चाहिए जिससे प्राप्त राशि सेबी-सहारा रिफंड...

नेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने सहारा समूह को राहत देते हुए महाराष्ट्र स्थित एंबी वैली परियोजना में अपनी पसंद से संपत्ति का कोई भी हिस्सा बेचने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने कहा है कि संपत्ति की बिक्री 15 मई तक पूरी होनी चाहिए जिससे प्राप्त राशि सेबी-सहारा रिफंड खाते में जमा कराई जाएगी। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति ए के सिकरी की तीन सदस्यीय विशेष पीठ ने इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि यदि 15 मई तक सहारा समूह अपनी संपत्ति बेचने में विफल रहा तो बंबई उच्च न्यायालय के आधिकारिक परिसमापक इस संपत्ति को नीलीमी की प्रस्तावित प्रक्रिया के माध्यम से बेचेंगे। 
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बिक्री की प्रक्रिया शुरू
पीठ ने आधिकारिक परिसमापक और आंबी वैली संपत्ति की देखरेख के लिये नियुक्त अदालत के रिसीवर की रिपोर्ट पर गौर किया और कहा कि सहारा समूह इसकी देखरेख शुरू करेगा। पीठ ने कहा कि अदालत का रिसीवर धन संग्रह करेंगे और समूह यदि देखरेख का काम शुरू करता है तो यह राशि उसे देंगे। आधिकारिक परिसमापक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसने आंबी वैली संपत्ति की बिक्री के लिये प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिये 21 से 31 मई तक निविदा मंगायी जायेंगी और नीलामी दो जून से शुरू होगी।

कोर्ट ने नीलामी प्रक्रिया पर जताई थी आपत्ति
शीर्ष अदालत ने पिछले साल 23 नवंबर को बंबई उच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों को इन संपत्तियों की नीलामी की प्रक्रिया अपनाने की छूट प्रदान करते हुये परिसमापक को निर्देश दिया था कि इस प्रक्रिया में किसी प्रकार के व्यवधान की इजाजत नहीं दी जाये। इससे पहले न्यायालय ने नीलामी प्रक्रिया में सहारा समूह की कथित अड़ंगेबाजी पर कड़ी आपत्ति करते हुये चेतावनी दी थी कि इस तरह के कृत्य में लिप्त व्यक्ति को जेल भेजा जायेगा। 
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सहारा समूह को दिया था रूपए लौटाने का आदेश
न्यायालय ने सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल ए स्टेट कार्पोरेशन और सहारा हाउसिंग इंवेस्टमेन्ट कार्प लि को 31 अगस्त, 2012 को अपने निवेशकों को 24 हजार करोड़ रूपए लौटाने का आदेश दिया था। इस आदेश का पालन करने में विफल रहने की वजह से सुब्रत राय और दो अन्य निदेशकों रवि शंकर दुबे और अशोक राय चौधरी को गिरफ्तार किया गया था। राय ने करीब दो साल तिहाड़ में गुजारे और इस समय वह पेरोल पर हैं।  

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