SC की सुपरटेक को फटकार, कहा- 17 जनवरी तक ग्राहकों के पैसे नहीं लौटाए तो जेल भेज देंगे

Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Jan, 2022 04:39 PM

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सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट ट्विन टावर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक को फटकार लगाई है। अदालत ने सुपरटेक को 17 जनवरी तक घर खरीदारों को भुगतान करने का निर्देश दिया है और ऐसा नहीं किए जाने पर जेल भेजने की

बिजनेस डेस्कः सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट ट्विन टावर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक को फटकार लगाई है। अदालत ने सुपरटेक को 17 जनवरी तक घर खरीदारों को भुगतान करने का निर्देश दिया है और ऐसा नहीं किए जाने पर जेल भेजने की चेतावनी भी दी है। अदालत ने नोएडा प्राधिकरण से उस एजेंसी के नाम पर फैसला करने को कहा है जिसे सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग प्रोजेक्ट की ट्विन टावरों को गिराने का काम दिया जाएगा। SC ने प्राधिकरण को 17 जनवरी को जवाब देने का निर्देश दिया है।

सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुपरटेक से कहा, ''अपने कार्यालय को क्रम में रखें और अदालती आदेश का पालन करें। हम आपके निर्देशकों को अभी जेल भेजेंगे। आप सुप्रीम कोर्ट के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। निवेश की वापसी पर ब्याज नहीं लगाया जा सकता है! कोर्ट के आदेश का पालन न करने के लिए आप तमाम तरह के कारण ढूंढ रहे हैं। सुनिश्चित करें कि भुगतान सोमवार तक किया जाए अन्यथा परिणाम भुगतें।''

दरअसल घर खरीदारों ने SC में अवमानना ​​याचिका दायर की है। उन्होंने कहा है कि सुपरटेक हमसे आकर पैसे लेने के लिए कहता है लेकिन वहां जाने के बाद कहते हैं कि हम किश्तों में भुगतान करेंगे। नोएडा में 40 मंजिला ट्विन टावरों को 3 महीने में गिराने की समय सीमा समाप्त हो गई है लेकिन अभी ये नहीं किया गया है।

ट्विन टावर को तीन महीने में गिराने के आदेश
31 अगस्त 2021 को सुपरटेक एमेराल्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया था। कोर्ट ने नोएडा स्थित सुपरटेक एमेराल्ड के 40 मंजिला ट्विन टावर को तीन महीने में गिराने के आदेश दिए थे। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने यह फैसला दिया था। जस्टिस चंद्रचूड ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि ये मामला नोएडा अथॉरिटी और डेवलपर के बीच मिलीभगत का एक उदाहरण है। इस मामले में सीधे-सीधे बिल्डिंग प्लान का उल्लंघन किया गया। नोएडा अथॉरिटी ने लोगों से प्लान शेयर भी नहीं किया। ऐसे में इलाहाबाद हाईकोर्ट का टावरों को गिराने का फैसला बिल्कुल सही था। 

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि दोनों टावरों को गिराने की कीमत सुपरटेक से वसूली जाए। साथ ही दूसरी इमारतों की सुरक्षा को ध्यान रखते हुए टावर गिराए जाएं। नोएडा अथॉरिटी विशेषज्ञों की मदद ले। जिन लोगों को रिफंड नहीं किया गया गया है उनको रिफंड दिया जाए। कोर्ट ने कहा था कि फ्लैट खरीदारों को दो महीने में पैसा रिफंड किया जाए। 

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