Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Jul, 2018 06:52 PM
आने वाले दिनों में हो सकता है कि हर महीने बतौर कैश इन हैंड मिलने वाला आपकी सैलरी पैकेज का हिस्सा कम हो जाए और आपको टैक्स भी ज्यादा भरना पड़े।
नई दिल्लीः आने वाले दिनों में हो सकता है कि हर महीने बतौर कैश इन हैंड मिलने वाला आपकी सैलरी पैकेज का हिस्सा कम हो जाए और आपको टैक्स भी ज्यादा भरना पड़े। दरअसल, सरकार एचआरए और एलटीए जैसे भत्तों की अधिकतम सीमा कैप करने की तैयारी में है। इसके लिए मॉनसून सत्र में कोड ऑन वेजेज में बदलाव का प्रस्ताव है जिसके तहत वेतन के नियमों में बड़ा बदलाव होगा। कॉस्ट टू कंपनी (CTC) में बेसिक का अनुपात बढ़ेगा।
इसके तहत एचआरए, एलटीए और अन्य भत्तों की कैपिंग की भी तैयारी है। भत्तों की कुल रकम मूल वेतन के 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होगा और 50 फीसदी से ज्यादा भत्ता मूल वेतन में जोड़ा जाएगा। ऐसा करने की मंशा कर्मचारी को भविष्य में आर्थिक सुरक्षा देना है। इस कैपिंग से पीएफ, ग्रेच्यूटी और बीमा में निवेश बढ़ेगा। भत्तों की कैपिंग से टैक्स देनदारी भी बढ़ेगी।