Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Jul, 2022 01:30 PM
दो साल की सुस्ती के बाद समुद्री खाद्य उत्पादों के निर्यात में आई तेजी से उत्साहित समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) ने वर्ष 2025 तक एक लाख करोड़ रुपए के कारोबार का लक्ष्य रखा है। एमपीईडीए के चेयरमैन के एन राघवन ने कहा कि इस लक्ष्य को...
नई दिल्लीः दो साल की सुस्ती के बाद समुद्री खाद्य उत्पादों के निर्यात में आई तेजी से उत्साहित समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) ने वर्ष 2025 तक एक लाख करोड़ रुपए के कारोबार का लक्ष्य रखा है। एमपीईडीए के चेयरमैन के एन राघवन ने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्राधिकरण ने एक ऐसी पारिस्थितिकी बनाने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिया है जो विविध समुद्री उत्पादों की पेशकश कर बढ़त को दीर्घकालिक रूप से कायम रखे।
उन्होंने कहा, "हमारे लिए 2018-19 से ही मुश्किल दौर शुरू हो गया था। फिर कोविड-19 महामारी भी आ गई। इस क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने में लॉजिस्टिक से जुड़े मुद्दों की भी भूमिका रही। लेकिन पिछले वित्त वर्ष में हमारा निर्यात बढ़ा है।" उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में समुद्री खाद्य उत्पादों का निर्यात बढ़कर 774 करोड़ डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। उन्होंने कहा कि निर्यात में यह वृद्धि मालढुलाई किराया बढ़ने और कंटेनरों की कमी के बावजूद दर्ज की गई जो अपने-आप में प्रशंसनीय है।
उन्होंने कहा, "अब हमने वर्ष 2025 तक एक लाख करोड़ रुपए का निर्यात लक्ष्य तय किया है। इस दिशा में हमने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। हम एक ऐसी पारिस्थितिकी बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें निर्यात वृद्धि का सिलसिला कायम रखा जा सके और आने वाले समय में तेजी बनी रहे।" समुद्री खाद्य उत्पादों के निर्यात में देश में सबसे आगे आंध्र प्रदेश का खास जिक्र करते हुए राघवन ने कहा कि राज्य सरकार के सक्रिय रवैये का भी इसमें अहम योगदान रहा है।