Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Jul, 2018 11:32 AM
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ की ओर से समूह की कंपनी आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के अंतिम दिन किए गए 240 करोड़ रुपए के निवेश को नियमों के खिलाफ बताया है
बिजनेस डेस्कः भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ की ओर से समूह की कंपनी आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के अंतिम दिन किए गए 240 करोड़ रुपए के निवेश को नियमों के खिलाफ बताया है और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ को निर्देश दिया है कि वह अपनी 5 स्कीमों से निकाले गए इस धन को 15 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाए।
सूत्रों ने कहा कि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल से यह भी कहा गया है कि जिन निवेशकों ने आईपीओ में शेयरों के आवंटन के बाद अपनी यूनिटों को भुना लिया है उन्हें भुगतान किया जाए। इसके लिए आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के शेयर मूल्य में आई गिरावट की वजह से संबंधित योजनाओं में होने वाले नुकसान की गणना के बाद इन निवेशकों को भुगतान किया जाए। सेबी ने आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी को भेजे पत्र में कहा है कि निवेशकों को 15 प्रतिशत का ब्याज भी दिया जाना चाहिए। इस बारे में संपर्क करने पर कंपनी ने कोई टिप्पणी करने से इनकार किया।
सूत्रों ने कहा कि सेबी ने पाया कि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड, उसके सीईओ तथा संबंधित कोष प्रबंधकों का कदम यूनिट धारकों के हित में नहीं थाा। इसके अलावा यह बोली में संशोधन और आखिरी दिन आईपीओ को बचाने के लिए अधिक पैसा डालने की वजह से आचार संहिता और जांच पड़ताल से संबंधित म्यूचुअल फंड नियमों का उल्लंघन है।
मार्च में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज 7,72,49,508 शेयरों का आईपीओ लेकर आई थी। इसके लिए मूल्य दायरा 519-520 रुपए प्रति शेयर रखा गया था। बाद में आईपीओ के लिए विशेषरूप से एचएनआई से ठंडी प्रतिक्रिया मिलने के बाद कंपनी ने निर्गम का आकार घटाकर करीब 3,500 करोड़ रुपए के आसपास कर दिया था। प्रमुख ब्रोकरेज कंपनी की योजना 4,016 करोड़ रुपए जुटाने की थी। बोली के आखिरी दिन आईपीओ के लिए 88 प्रतिशत अभिदान मिला। इसमें एंकर निवेशकों का हिस्सा भी शामिल है।