सेबी का प्रस्ताव, बड़ी कंपनियां कम से कम 25% राशि बॉंड से जुटाएं

Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Jul, 2018 11:09 AM

sebi proposes framework on 25 pc borrowing via corp bonds for large cos

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने बांड बाजार की पैठ बढ़ाने के लिए एक प्रस्ताव पेश करते हुए कहा है कि बड़ी कंपनियां अपनी जरूरत की राशि का कम से कम 25 प्रतिशत बॉंड के जरिए जुटाएं। इस प्रस्ताव को अगले साल एक अप्रैल से अमल में लाने पर जोर दिया गया है।

नई दिल्लीः पूंजी बाजार नियामक सेबी ने बांड बाजार की पैठ बढ़ाने के लिए एक प्रस्ताव पेश करते हुए कहा है कि बड़ी कंपनियां अपनी जरूरत की राशि का कम से कम 25 प्रतिशत बॉंड के जरिए जुटाएं। इस प्रस्ताव को अगले साल एक अप्रैल से अमल में लाने पर जोर दिया गया है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने परामर्श पत्र में कहा कि मसौदा अगले साल एक अप्रैल से क्रियान्वित करने का प्रस्ताव है। इसके तहत 31 मार्च तक 2019 तक चिन्हित बड़ी कंपनियों को 2019-20 में अपने कुल कर्ज का कम-से-कम 25 प्रतिशत बांड बाजार से जुटाना होगा। सेबी के इस प्रस्ताव का मकसद कंपनियों के वित्त पोषण के लिए बैंकों पर निर्भरता कम करने के साथ साथ गतिशील कारपोरेट बांड बाजार का विकास करना है।  

उल्लेखनीय है कि 2018-19 के बजट में यह कहा गया था कि कंपनियों के एक चौथाई कर्ज बांड बाजार से जुटाने के बारे में सेबी विचार करेगा। इसकी शुरूआत बड़ी कंपनियों से होगी। बड़ी कंपनियों की परिभाषा देते हुए नियामक ने कहा कि ऐसी कंपनियों की दीर्घकालिक कर्ज उधारी कम-से-कम 100 करोड़ रुपए होनी चाहिए। इन कंपनियों की ‘एए’ तथा उससे अधिक की रेटिंग हो और उसका दीर्घकालीन कर्ज (एक वर्ष से अधिक) के साथ स्वयं के वित्त पोषण का लक्ष्य हो। बाद में सेबी रेटिंग ‘एए’ की सीमा को कम कर 'ए' करने पर निर्णय कर सकता है। सेबी ने प्रस्ताव के बारे में 13 अगस्त तक लोगों से टिप्पणी मांगी है। संबंधित पक्षों की राय लेने के बाद मसौदे को अंतिम रूप दिया जाएगा।  

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