यात्रियों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता: पुरी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Jul, 2019 05:23 PM

security of passengers is our first priority puri

नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को कहा कि यात्रियों तथा विमानों की सुरक्षा उनकी पहली प्राथमिकता है तथा विमान की सुरक्षा के बारे में यदि विमान बनाने वाली कंपनी को संदेह है तो उसे उस विमान की बिक्री ही नहीं करनी चाहिए। पुरी ने उद्योग...

नई दिल्लीः नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को कहा कि यात्रियों तथा विमानों की सुरक्षा उनकी पहली प्राथमिकता है तथा विमान की सुरक्षा के बारे में यदि विमान बनाने वाली कंपनी को संदेह है तो उसे उस विमान की बिक्री ही नहीं करनी चाहिए। पुरी ने उद्योग संगठन एसोचैम द्वारा नागर विमानन एवं कार्गो पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में यह भी कहा कि निजी तौर पर उनकी राय यह है कि सरकार को विमान सेवा कंपनी नहीं चलानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार के पास अरबों डॉलर पड़े हैं तो उसे सार्वजनिक बुनियादी ढांचों जैसे मकान, टॉयलेट आदि पर खर्च किया जाना चाहिए न कि एक ऐसे जोखिम भरे कारोबार में जिससे गरीबों का कोई भला नहीं होता है। 

पुरी नागर विमानन मंत्री होने के साथ ही 55 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्ज में डूबी सरकार की पूर्ण स्वामित्व वाली एयरलाइन एयर इंडिया में विनिवेश के लिए नए सिरे से गठित मंत्रियों के समूह के सदस्य भी हैं। उनके इस बयान से स्पष्ट संकेत मिलता है कि एयर इंडिया की अपनी पूरी हिस्सेदारी सरकार बेच सकती है। पुरी ने बताया कि पिछले दिनों उन्होंने एक विमान बनाने वाली कंपनी के प्रतिनिधि से साफ कह दिया कि यदि कंपनी को विमान की सुरक्षा के बारे में पूरा भरोसा नहीं है तो बेहतर होगा कि वह उस विमान को बाजार में उतारे ही नहीं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने गत दिनों बारिश के दौरान कई विमानों के रनवे से फिसलने के संदर्भ में नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को निर्देश दिया है कि हर ऐसी घटना की भी जांच की जाए जिसमें दुर्घटना हुई नहीं, लेकिन होते-होते रह गई। उन्होंने कहा कि विमानन क्षेत्र में विमान एवं इंजन निर्माता कंपनियां मुनाफा कमा रही हैं, हवाई अड्डा संचालक मुनाफा कमा रहे हैं और पर्यटन क्षेत्र भी मुनाफे में है जबकि एयरलाइंस को नुकसान हो रहा है। इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। यदि विमान सेवा कंपनियों की कुल लागत का 40 प्रतिशत विमान ईंधन पर खर्च हो जाता है तो निश्चित रूप से हम कुछ तो ऐसा कर रहे हैं जो सही नहीं है।

पुरी ने कहा कि निजी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज की सेवा बंद होने के बाद बाजार में सीटों की उपलब्धता में जो कमी आयी थी अब उसकी भरपाई हो चुकी है। बीच में कुछ मार्गों पर हवाई किराये में वृद्धि जरूर हुई थी लेकिन अब किराया सामान्य हो गया है। 

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