मौद्रिक नीति, बजट बाजार के लिए महत्वपूर्ण, मार्च 2020 तक सेंसेक्स 43 हजार के ऊपर जाएगा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 May, 2019 11:11 AM

sensex will rise up to 43 thousand by march 2020

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति और केन्द्र सरकार के बजट आने वाले दिनों में शेयर बाजार के लिहाज से काफी अहम होंगे। निजी क्षेत्र के कोटक सिक्युरिटीज का मानना है कि मार्च 2020 तक सेंसेक्स 42,000 से 43,300 अंक के दायरे में पहुंच जाएगा।

नई दिल्लीः रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति और केन्द्र सरकार के बजट आने वाले दिनों में शेयर बाजार के लिहाज से काफी अहम होंगे। निजी क्षेत्र के कोटक सिक्युरिटीज का मानना है कि मार्च 2020 तक सेंसेक्स 42,000 से 43,300 अंक के दायरे में पहुंच जाएगा। ब्रोकरेज कंपनी के मुताबिक चुनाव परिणामों का उत्साह समाप्त होने के बाद बाजार बुनियादी कारकों को देखने लगेगा। अमेरिका-चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध और भारतीय अर्थव्यवस्था के आड़े आने वाले मुद्दों के समाधान पर बाजार की नजर होगी।

शेयर बाजारों ने फिलहाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के सत्ता में लौटने पर काफी उत्साह दिखाया है और यही वजह है कि सेंसेक्स और निफ्टी में पिछले तीन दिन से तेजी का रुख बना हुआ हे। कोटक सिक्युरिटीज के प्रबंध निदेशक और सीईओ कमलेश राव ने मंगलवार को कहा, ‘‘बाजार केन्द्र में खंडित जनादेश मिलने के बजाय स्थिरता, निरंतरता और मजबूती नेतृत्व की उम्मीद कर रहा था। मजबूत सरकार के सत्ता में आने से निवेशकों की सुधारों के और मजबूती के साथ आगे बढ़ने की उम्मीद जगी है।'' उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहले हम यह देखेंगे कि वह (सरकार) बजट में क्या करती है।'' 

राव ने आने वाले दिनों में बाजार परिदृश्य को लेकर अपने अनुमान में कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि मार्च 2020 तक निफ्टी 12,500 और 13,000 के दायरे में होगा। तेजी के हालात बनने पर मार्च 2020 तक बाजार 13,000 से 13,500 के दायरे में पहुंच जाएगा।'' उन्होंने कहा कि कोटक सिक्युरिटज ने मार्च 2020 तक सेंसेक्स के 42,000 और 43,300 (औसतन 42,650 अंक) के दायरे में रहने का अनुमान लगाया है। राव ने कहा, ‘‘राजनीतिक जनादेश अच्छा है। लेकिन मेरा मानना है कि देश और देश के बाहर कई मुद्दे हैं जिनपर ध्यान देने की जरूरत है। अमेरिका- चीन के बीच व्यापार युद्ध सब जानते हैं, हमारा मानना है कि स्थानीय स्तर पर भी वृहद आर्थिक स्थिति में सुस्ती दिख रही है।'' 

कच्चा तेल 70 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रहता है तो ठीक है लेकिन इस सीमा से ऊपर यह यदि लंबे समय तक ठहरता है तो यह नुकसान पहुंचायेगा। विदेशी संस्थागत निवेशकों का प्रवाह सकारात्मक है और हमारा मानना है कि भारतीय बाजारों में निवेश आयेगा। मोदी सरकार से उम्मीदों के बारे में राव ने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि सरकार आर्थिक वृद्धि और निवेश में फिर से तेजी लाने पर ध्यान दे। वृहद स्तर पर आर्थिक स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। इसमें सरकार के तरफ से वित्तीय प्रोत्साहन की जरूरत है लेकिन इसकी गुंजाइश सीमित लगती है क्योंकि राजकोषीय घाटा ऊंचा बना हुआ है। बहरहाल, मौद्रिक प्रोत्साहन की गुंजाइश बनी हुई है। ब्याज दरों में कटौती, सरकारी बांड के लिए एफपीआई सीमा बढ़ाने और बैंकिंग प्रणाली में पूंजी डालने से स्थिति में सुधार लाया जा सकता है।
 

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