Edited By jyoti choudhary,Updated: 31 Aug, 2018 03:55 PM
किशनचंद चेलाराम कॉलेज में अमूमन छात्रों की भीड़ रहती है लेकिन गुरुवार को इसे किले में तब्दील किया गया था। यहां आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की वार्षिक आम बैठक होने जा रही थी
मुंबईः किशनचंद चेलाराम कॉलेज में अमूमन छात्रों की भीड़ रहती है लेकिन गुरुवार को इसे किले में तब्दील किया गया था। यहां आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की वार्षिक आम बैठक होने जा रही थी जिसमें शेयरधारकों को यह फैसला करना था कि चंदा कोचर कंपनी की निदेशक बनी रहेंगी या नहीं। कंपनी की चेयरपर्सन कोचर वीडियोकॉन ऋण मामले में जांच के कारण अभी छुट्टी पर हैं और उन्होंने एजीएम में हिस्सा नहीं लिया लेकिन उनकी जगह बरकरार रही।
सूत्रों के मुताबिक आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज में 79.2 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले आईसीआईसीआई बैंक ने कोचर को फिर से निदेशक नियुक्त करने के लिए लाए गए आम प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया। कम से कम दो प्रॉक्सी कंपनियों ने निवेशकों को प्रस्ताव के खिलाफ वोट देने की सलाह दी थी क्योंकि इससे कंपनी को नियामकीय प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता। खबर लिखे जाने तक आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने मतदान के लिए रखे गए विभिन्न प्रस्तावों के वोटिंग पैटर्न का खुलासा नहीं किया था।
विशेषज्ञों का कहना है कि आईसीआईसीआई की बहुलांश हिस्सेदारी को देखते हुए इस प्रस्ताव का नामंजूर होना मुश्किल था। कंपनी के आईपीओ में निवेश करने वाले एक फंड मैनेजर ने कहा, 'अभी यह देखना बाकी है कि गैर प्रवर्तक शेयरधारकों ने किस तरह मतदान किया क्योंकि इससे प्रबंधन को कड़ा संदेश जाएगा।' कोचर पर वीडियोकॉन समूह को दिए गए ऋण के मामले में हितों के टकराव के आरोप हैं। इस मामले की जांच चल रही है। वीडियोकॉन समूह के कोचर के पति दीपक कोचर के साथ कारोबारी संबंध थे।