शेयर बाजारों में गिरावट के बावजूद चीनी कंपनियों के शेयरों में तेजी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Feb, 2019 12:26 PM

shares of chinese companies rose sharply despite the fall in the stock markets

मार्जिन में तेजी और बकाए की स्थिति में राहत की उम्मीद से घरेलू चीनी के शेयरों में आज तेजी आई। पिछले हफ्ते चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) में इजाफे की घोषणा से कंपनियों के परिचालन मार्जिन में 3-4 प्रतिशत का इजाफा होने की खबरों से यह तेजी आई।

लखनऊः मार्जिन में तेजी और बकाए की स्थिति में राहत की उम्मीद से घरेलू चीनी के शेयरों में आज तेजी आई। पिछले हफ्ते चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) में इजाफे की घोषणा से कंपनियों के परिचालन मार्जिन में 3-4 प्रतिशत का इजाफा होने की खबरों से यह तेजी आई। हालांकि प्रमुख सूचकांक - बीएसई और एनएसई निफ्टी गिरावट के साथ बंद हुआ। यहां तक कि मुंबई के थोक बाजार में भी चीनी के दाम उछलकर 3,229 रुपए प्रति क्विंटल हो गए और एमएसपी के चार प्रतिशत प्रीमियम पर बोले गए। पिछली बार जब जून में एमएसपी की घोषणा की गई थी उसके बाद दामों में पहली बार इतना इजाफा नजर आया है।
 
व्यापारिक सूत्रों ने कहा कि शादी के सीजन की वजह से आइसक्रीम और ठंडे पेय निर्माताओं की ओर से मांग में तेजी आई जो गर्मियों से पहले बड़ी मात्रा में चीनी खरीदते हैं। उन्हें उम्मीद है कि गर्मी भी सर्दी की तरह प्रचंड रहेगी जिससे कोला और आइसक्रीम की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि एमएसपी में बढ़ोतरी की खबरें तो जनवरी के आखिरी सप्ताह से ही बाजार में थीं। इससे मिलों ने थोक खरीदारों की बिक्री को धीमा कर दिया था और वह मांग अब लौट रही है। केंद्र ने गुरुवार को चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य में सात प्रतिशत बढ़ोतरी करते हुए इसे 29 रुपए प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 31 रुपए प्रति किलोग्राम करने की घोषणा की थी। इसके बाद शेयरों की कीमतों में भी तेजी आई है। चीनी बिक्री की बेहतर आमदनी से अनुमान है कि अधिक आपूर्ति और निर्यात में नरमी रहने के कारण मिलों को होने वाले नुकसान की भरपाई होगी।
 
शेयर बाजार में जिन कंपनियों के शेयरों में प्रमुख रूप से तेजी आई है उनमें धामपुर शुगर (बीएसई पर 9.3 प्रतिशत इजाफा), बजाज हिंदुस्तान (5.2 प्रतिशत इजाफा), डालमिया भारत (3.4 प्रतिशत इजाफा) और बलरामपुर चीनी (3.8 प्रतिशत इजाफा) शामिल रहीं। बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी क्रमश: 0.41 प्रतिशत और 0.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए। क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार एमएसपी में बढ़ोतरी के बाद चालू चीनी सीजन (अक्टूबर 2018 से सितंबर 2019) के दौरान मिलों के परिचालन मार्जिन में 300-400 आधार अंकों का सुधार हो सकता है। इससे 3,300 रुपए की घरेलू बिक्री को बढ़ावा मिल सकता है। साथ ही निर्यात मूल्य अधिक होने से 200 करोड़ रुपए और अर्जित होंगे।
 
इससे मिलों को अपने बढ़ते गन्ना बकाये का भुगतान करने में मदद मिलेगी जो 20,000 करोड़ रुपए से अधिक है और मिलों पर इसका लगभग 18 प्रतिशत का 16,500 करोड़ रुपए का बोझ कम हो सकेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में कुछ वृद्धि होने तथा अधिक आपूर्ति की वजह से चीनी की कीमतों में कमी के बाद मौजूदा सीजन में कच्चे माल की लागत चीनी बिक्री के अनुपात में बढ़कर करीब 90 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई थी।

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