बंद हो सकते हैं देशभर के 1.13 लाख ATM, जानिए इसके पीछे की बड़ी वजह

Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Mar, 2019 02:44 PM

shut down 1 13 lakh atms across the country

देश की आधी से ज्यादा आबादी एटीएम का इस्तेमाल करती है लेकिन 31 मार्च तक देश के आधे से ज्यादा एटीएम बंद हो सकते हैं। उद्योग संगठन कंफेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री (CATMi) की तरफ से ये सूचना जारी की गई है।

बिजनेस डेस्कः देश की आधी से ज्यादा आबादी एटीएम का इस्तेमाल करती है लेकिन 31 मार्च तक देश के आधे से ज्यादा एटीएम बंद हो सकते हैं। उद्योग संगठन कंफेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री (CATMi) की तरफ से ये सूचना जारी की गई है। देशभर में करीब 2.38 लाख एटीएम हैं, जिसमें से करीब 1.13 लाख एटीएम को बंद किया जा सकता है। CATMi ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि एटीएम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अपग्रेड और नकदी प्रबंधन योजनओं के हालिया मानकों के चलते मार्च 2019 तक संचालन के अभाव में 50 फीसदी एटीएम बंद हो जाएंगे। CATMi ने इस बात की आशंका पिछले साल भी जताई थी।

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क्या है मामला
CATMi के प्रवक्ता ने कहा कि भारत में इस समय तकरीबन 2,38,000 एटीएम हैं, जिनमें से एक लाख ऑफ-साइट और 15,000 से अधिक व्हाइट लेबल एटीएम समेत कुल 1,13,000 एटीएम बंद हो सकते हैं। एटीएम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने के लिए विनियामक दिशानिर्देश, नकदी प्रबंधन मानकों की हालिया शर्ते और कैश लोडिंग की कैसेट स्वैप पद्धति के कारण संगठन को यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इनमें से अधिकांश गैर-शहरी क्षेत्रों के होंगे। एटीएम बंद होने से उद्योग में भारी बेकारी भी आएगी, जो पूरी अर्थव्यवस्था में वित्तीय सेवाओं के लिए हानिकारक होगी।

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ग्रामीण इलाकों पर ज्यादा असर
कैटमी के मुताबिक, इस बंदी का सबसे ज्यादा असर ग्रामीण इलाकों पर पड़ेगा और इस बंदी से ग्रामीण अर्थव्यवस्था गड़बड़ा सकती है, क्योंकि अब ज्यादातर लोग पैसों की निकासी के लिए एटीएम का इस्तेमाल करते हैं और ग्रामीण इलाकों में सब्सिडी के लाभार्थी भी सब्सिडी का पैसा निकालने के लिए एटीएम का इस्तेमाल करते हैं। एटीएम इंडस्ट्री का कहना है कि हाल ही में नियामक परिवर्तन ने, जिनमें हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अपडेशन शामिल है, एटीएम संचालन को मुश्किल भरा बना दिया है, जिससे एटीएम्स को बंद करना पड़ेगा।

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क्यों मजबूर हैं कंपनियां
नियमों में बदलाव से स्थिति अब और ज्यादा खराब हो गई है। एटीएम सेवाएं देने वाली कंपनियों के पास अतिरिक्त बजट को पूरा करने के लिए कोई अलग से वित्तीय साधन नहीं हैं, इसलिए एटीएम को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इडस्ट्री का कहना है कि इस हालात से तभी बाहर निकला जा सकता है जब बैंक इन नियमों के अनुपालन पर होने वाले अतिरिक्त खर्च को खुद वहन करें।

ATM सर्विस पड़ रही महंगी
पिछले कुछ वक्त से देश में ATM लगाने की सर्विस से होने वाली आय नहीं बढ़ी है। इसकी वजह बहुत कम ATM इंटरचेंज चार्जेस और लगातार बढ़ती लागत है। अगर बैंकों द्वारा एटीएम संचालक कंपनियों को इस अतिरिक्त खर्च के लिए मुआवजा नहीं दिया जाता है तो उन्हें अपनी सर्विस से सरेंडर करने के अलावा और कोई चारा नहीं बचेगा। जिसके कारण बड़ी संख्या में एटीएम बंद हो जाएंगे। एटीएम एक सेवा है, इसलिए इस सिस्टम से बहुत ज्यादा राजस्व की उम्मीद नहीं की जा सकती है, जबकि इनकी लागत और इनके संचालन का खर्च लगातार बढ़ रहा है।
 

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