‘रेशम मार्ग के जरिए संपर्क बढ़ाने पर जोर दे भारत’

Edited By ,Updated: 28 Nov, 2016 02:16 PM

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संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि भारत को प्राचीन रेशम मार्ग के साथ-साथ आवागमन सुधारने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि वह खुद को एशिया-यूरोप व्यापार के केंद्र के रूप में स्थापित कर सके। एशिया व प्रशांत के लिए संयुक्त

सिंगापुर: संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि भारत को प्राचीन रेशम मार्ग के साथ-साथ आवागमन सुधारने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि वह खुद को एशिया-यूरोप व्यापार के केंद्र के रूप में स्थापित कर सके। एशिया व प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक आयोग (यूएनइस्केप) में निदेशक नागेश कुमार ने कहा, ‘आवागमन (कनैक्टिविटी) में सुधार के जरिए दक्षिण भारत आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बन सकता है जैसा कि प्राचीन समय में था।’ उन्होंने कहा कि भारत-म्यांमा-थाइलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग के साथ रेशम मार्ग के पूर्वी हिस्से का विकास तेजी से हो रहा है। उन्होंने इस संदर्भ में बंगलादेश-भूटान-भारत-नेपाल मोटर वाहन समझौते का जिक्र भी किया।

अब समय आ गया है कि भारत रेशम मार्ग के पश्चिमी हिस्से पर काम करे। उन्होंने कहा- अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) का रोचक प्रस्ताव है जिसके तहत दक्षिण एशिया व मध्य एशिया को बंदर अबास या चाबहार बंदरगाह के जरिए जोड़ा जाएगा। यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘यूएनइस्केप ने इस्तांबुल-तेहरान-इस्लामाबाद मालगाड़ी गलियारे को दिल्ली-कोलकाता-ढाका व यंगून तक विस्तारित करने का प्रस्ताव किया है।’ 

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