Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Sep, 2019 02:54 PM
देश में मोटर वाहन अधिनियम (एमवीए) में संशोधन के बाद यातायात का उल्लंघन करने पर किए जा रहे बड़ी रकम के चालान के बीच विश्व भर में सड़कों को बेहतर और सुरक्षित बनाने के लिए काम कर रही वैश्विक संस्था इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आईआरएफ) ने इसका स्वागत करते हुए...
नई दिल्लीः देश में मोटर वाहन अधिनियम (एमवीए) में संशोधन के बाद यातायात का उल्लंघन करने पर किए जा रहे बड़ी रकम के चालान के बीच विश्व भर में सड़कों को बेहतर और सुरक्षित बनाने के लिए काम कर रही वैश्विक संस्था इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आईआरएफ) ने इसका स्वागत करते हुए सरकार को सुझाव दिया है कि जुर्माने की राशि में धीरे-धीरे इजाफा किया जाना चाहिए और ‘फर्जी' तथा ‘फंसाने वाले' चालान रोकने के तरीके भी तलाशे जाने चाहिए।
आईआरएफ के पूर्व अध्यक्ष और यातायात बुनियादी ढांचे पर फिक्की की राष्ट्रीय समिति के सह-अध्यक्ष के.के. कपिला ने मंगलवार को कहा, ‘‘मोटर वाहन अधिनियम में हाल में किए गए संशोधनों से यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने की राशि में कई गुणा बढ़ोतरी को गलत नहीं ठहराया जा सकता। इसकी सराहना होने चाहिए किंतु जुर्माने की राशि को धीरे-धीरे बढ़ाया जाना चाहिए।
उदाहरण के तौर पर यदि जुर्माना 100 रुपए से बढ़ाकर 1000 रुपए किया जा रहा है तो पहले वर्ष में इसे 250 रुपए किया जाए, दूसरे वर्ष में 500 रुपए और तीसरे वर्ष में 1000 रुपए किया जाना चाहिए।'' कपिला ने कहा, ‘‘कानून लागू कराते समय यह संदेश जाना चाहिए कि जुर्माना उस व्यक्ति के फायदे के लिए किया जा रहा है, किसी और मकसद से नहीं। नए मोटर वाहन अधिनियम के संबंध में जनता को अधिक से अधिक जागरूक करना चाहिए।
यातायात नियम तोड़ने वालों से एकत्रित जुर्माना राशि का इस्तेमाल केवल सड़क सुरक्षा के लिए ही होना चाहिए, अन्य कामों के लिए नहीं। उच्चतम न्यायालय ने अलग से जो सड़क सुरक्षा कोष बनाने के लिए कहा है, यातायात उल्लंघन से मिली जुर्माने की राशि उसी मद में जानी चाहिए।''