Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Sep, 2017 03:55 PM
एस.बी.आई. रिसर्च ने कहा है कि सितंबर, 2016 से अर्थव्यवस्था में सुस्ती है और यह तकनीकी नहीं बल्कि
मुंबईः एस.बी.आई. रिसर्च ने कहा है कि सितंबर, 2016 से अर्थव्यवस्था में सुस्ती है और यह तकनीकी नहीं बल्कि वास्तविक है। एस.बी.आई. रिसर्च की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था की सुस्ती को दूर करने के लिए सार्वजनिक खर्च बढ़ाने की जरूरत है। रिपोर्ट कहती है, ‘‘हमारा मानना है कि अर्थव्यवस्था सितंबर, 2016 से सुस्ती में है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सुस्ती की वजह तकनीकी रूप से लघु अवधि या क्षणिक भर नहीं है।’’
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सुस्ती से यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह अस्थायी है या नहीं। हालांकि, रिपोर्ट में इस सवाल का जवाब नहीं दिया गया है। उल्लेखनीय है कि भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में गिरावट को तकनीकी बताया था। जून तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 5.7 प्रतिशत के तीन साल के निचले स्तर पर आ गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि सुस्ती के इस रुख का हल सरकार द्वारा सार्वजनिक खर्च बढ़ाना है। ‘‘समय की जरूरत यह है कि खर्च बढ़ाया जाए।’’