छोटे निवेशकों को भा रहे हैं IPO, महामारी के बाद आवेदनों की संख्या बढ़ी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Mar, 2021 02:00 PM

small investors are getting ipo number of applications increased

महामारी के बाद की दुनिया में ज्यादा सक्रियता दुर्लभ हो सकती है लेकिन यदि आप आईपीओ के संदर्भ में बात कर रहे हैं तो ऐसा नहीं है। नई पेशकों के लिए छोटे निवेशकों द्वारा आवेदन करने की औसत संख्या महामारी के बाद के समय में बढ़कर करीब तीन गुना हो गई है।

मुंबईः महामारी के बाद की दुनिया में ज्यादा सक्रियता दुर्लभ हो सकती है लेकिन यदि आप आईपीओ के संदर्भ में बात कर रहे हैं तो ऐसा नहीं है। नई पेशकों के लिए छोटे निवेशकों द्वारा आवेदन करने की औसत संख्या महामारी के बाद के समय में बढ़कर करीब तीन गुना हो गई है।

सितंबर से 20 आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) आईं, जिनमें छोटे निवेशकों से औसत 13 लाख आवेदन मिले और इन छोटे निवेशकों में 200,000 रुपए तक का निवेश किया। प्राथमिक बाजार पर नजर रखने वाली फर्म प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों से पता चलता है कि इस बीच, मार्च में लॉकडाउन से पहले आए 20 आईपीओ के लिए औसत आवेदनों की संख्या करीब 5 लाख थी। इसलिए, यह समझने की जरूरत है कि आखिर क्या वजह है कि ज्यादा संख्या में निवेशक आईपीओ बाजार की ओर आकर्षित हो रहे हैं?

बाजार पर्यवेक्षकों का कहना है कि सेकंडरी बाजार में कई कारक महत्वपूर्ण हो गए हैं, जिनमें कई आईपीओ के लिए सूचीबद्घता के बाद अच्छा प्रदर्शन, और खाता खोलने की प्रक्रिया आसा होना और आईपीओ के लिए आवेदन करना भी शामिल है। अप्रैल और फरवरी के बीच, 1 करोड़ से ज्यादा नए डीमैट खाते खोले गए थे। विश्लेषकों का कहना है कि निवेशकों की नई पीढ़ी (जिनमें ज्यादातर युवा हैं) ने आईपीओ पर दांव लगाना पसंद किया है।

आईआईएफएल सिक्योरिटीज के मुख्य कार्याधिकारी (रिटेल ब्रोकिंग) संदीप भारद्वाज ने कहा, 'हमने लॉकडाउन के दौरान हरेक महीने में 10 लाख डीमैट खाते दर्ज किए। नए निवेशक आईपीओ में ऊंची उम्मीदों के साथ जुड़े।' नए आईपीओ को छोड़कर, इस वित्त वर्ष सभी सूचीबद्घताओं में पहले दिन ही उनके शेयरों में अच्छी तेजी दर्ज की गई। पहले दिन औसत तेजी 40 प्रतिशत से ज्यादा की रही और चार शेयर अपनी सूचीबद्घता के मुकाबले दोगुने भी हुए।

भारत की सबसे बड़ी ब्रोकरेज फर्म जीरोधा के मुख्य कार्याधिकारी नितिन कामत ने कहा कि आईपाीओ की सफलता ब्रोकिंग उद्योग के लिए वरदान साबित हुई है। उन्होंने कहा, 'कई ताजा आईपीओ का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। सामान्य तौर पर, आईपीओ में निवेश करने का उत्साह लोगों में तब बढ़ता है जब कोई इनसे कमाई करता है। ऐतिहासिक तौर पर, आईपीओ ने नए निवेशकों का प्रवेश आसान बनाया है। हम मौजूदा निवेशकों को भी आईपीओ में आवेदन के लिए अपने पारिवारिक सदस्यों के खाते खुलवाते देख रहे हैं। इससे आईपीओ में निवेश आवंटन हासिल होने की उनकी संभावना बढ़ती है।'

इसके अलावा, यदि किसी आईपीओ में निवेशकों की संख्या बढ़ती है तो निर्गम जारी करने वाली कंपनी को आवंटन पर निर्णय लेने के लिए लॉटरी सिस्टम का सहारा लेना होता है। उदाहरण के लिए, कुछ ताजा आईपीओ में, ज्यादा मांग की वजह से प्रत्येक 30 आवेदकों में से सिर्फ एक को ही आवंटन मिल पाता है।

रिटेल निवेशकों द्वारा तरलता के साथ साथ सेकंडरी बाजार के मूल्यांकन में तेजी ने भी कंपनियों को बाजार में अपने आईपीओ लाने के लिए प्रेरित किया है। इस महीने, आधा दर्जन से ज्यादा कंपनियां अपने आईपीओ लाएंगी, जिनका मकसद संयुक्त रूप से करीब 12,000 करोड़ रुपए जुटाना है। इस बीच, कई कंपनियों ने अपने दस्तावेज पेश करने के लिए नियामक के साथ संपर्क बनाना भी शुरू कर दिया है। येस सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी प्रशांत प्रभाकरण ने कहा, मूल्यांकन चढऩे के साथ, कई एचएनआई और रिटेल निवेशक नकदी पर बैठे हुए हैं। इससे आईपीओ में निवेश की संभावना बढ़ रही है।

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