SMEV ने इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन के लिए 20,000 करोड़ रुपए का आवंटन मांगा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Jan, 2019 06:57 PM

smev seeks rs 20 000 cr to promote electric vehicles

इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी आफ मैन्युफैक्चरर्स आफ इलेक्ट्रिक वेहिकल्स (एसएमईवी) ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को प्रोत्साहन के लिए अगले दो साल में 20,000 करोड़ रुपए के बजट आवंटन की मांग की है।

नई दिल्लीः इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी आफ मैन्युफैक्चरर्स आफ इलेक्ट्रिक वेहिकल्स (एसएमईवी) ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को प्रोत्साहन के लिए अगले दो साल में 20,000 करोड़ रुपए के बजट आवंटन की मांग की है। इसके अलावा संगठन ने सरकार को संसाधन जुटाने हेतु अंतरिम बजट में परंपरागत वाहनों पर ‘एक थाड़ा हरित उपकर’ लगाने का सुझाव भी दिया है।

बजट को लेकन अपनी इच्छा के बारे में एसएमईवी ने कहा कि फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग आफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक वेहिकल्स (फेम) के दूसरे चरण की घोषणा छह साल की योजना और समयबद्ध क्रियान्वयन के साथ की जानी चाहिए। एसएमईवी के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा, ‘‘विद्युत चालित वाहनों के लिए स्थिर और दीर्घावधि के नीतिगत समर्थन की जरूरत है। उपभोक्ता प्रोत्साहनों तथा जागरूकता अभियान चलाकर ही 2030 तक 30 प्रतिशत विद्युत चालित वाहनों के लक्ष्य को पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि सरकार देश के दस सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में कम से कम 10 लाख विद्युत चालित वाहनों का लक्ष्य लेकर चलेगी।

गिल ने कहा कि इसके लिए कोष बनाने को इंटरनल कम्बशन (आईसी) इंजन वाले (डीजल-पेट्रोल से चलने वाले) वाहनों पर मामूली हरित उपकर लगाया जाना चाहिए, जिससे सरकार पर इसका बोझ नहीं पड़े। लोहिया आटो इंडस्ट्रीज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आयुष लोहिया ने कहा कि फेम योजना का विस्तार कम से कम दस साल के लिए किया जाना चाहिए। 

  

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