सोशल मीडिया को 2019 में कड़ी जांच-पड़ताल, निगरानी से गुजरना होगा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 31 Dec, 2018 04:55 PM

social media poised for more scrutiny greater checks in 2019

कॉमिक सीरिज ‘स्पाइडर-मैन’ से लोकप्रिय हुई कहावत बड़ी ताकत, बड़ी जिम्मेदारी लाती है व्हाट्सएप और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सटीक बैठती है, जो भारत में विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रही हैं।

नई दिल्लीः कॉमिक सीरिज ‘स्पाइडर-मैन’ से लोकप्रिय हुई कहावत बड़ी ताकत, बड़ी जिम्मेदारी लाती है व्हाट्सएप और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सटीक बैठती है, जो भारत में विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रही हैं। उन पर फर्जी खबरों और नफरत फैलाने वाले संदेशों का वाहक बनने का आरोप है, जिसके चलते भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मौत के घाट उतारे जाने की घटनाएं हुई। अब उनके लिए सरकारी नियमों में सख्ती, अधिक जवाबदेही और कड़ी नियामकीय जांच पड़ताल की प्रक्रिया से गुजारे जाने की संभावना है।

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साल 2018 को इसलिए इतिहास में याद रखा जाएगा क्योंकि इस दौरान सोशल मीडिया मंचों ने देश की जरुरतों को ध्यान में रखते कई बदवाल किए। जिनमें एक संदेश को फॉरवर्ड करने की सीमा निर्धारित करना और फर्जी खबरों के खिलाफ जन जागरूकता अभियान चलाना जैसी चीजें शामिल हैं। यही नहीं ये प्लटेफॉर्म भारतीय उपयोगकर्ताओं के आंकड़ों (डेटा) को भी भारत में संग्रहित करने पर राजी हुए हैं। इस साल की शुरूआत में डेटा लीक मामले में फेसबुक की जमकर आलोचना हुई थी। इससे करीब 8.7 करोड़ उपयोगकर्ता प्रभावित हुए थे। 

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ब्रिटेन की डेटा एनालिटिक्स और राजनीति से जुड़े परामर्श देने वाली कंपनी क्रैंबिज एनालिटिका पर बिना उपयोगकर्ताओं की अनमुति के उनकी फेसबुक जानकारियां जुटाने का आरोप है। कानून एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने डेटा चोरी के जरिए चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश करने पर फेसबुक को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। यही नहीं, जरूरत पडऩे पर सीईओ मार्क जुकरबर्ग को भी बुलाने की धमकी दी है। इन सबके के बीच फेसबुक ने 2019 में होने वाले चुनावों को देखते हुए राजनीतिक विज्ञापनों में पारर्दिशता लाने के लिए कदम उठाए हैं। इसके तहत इस तरह के विज्ञापन देने के लिए विज्ञापनदाता को अपनी पहचान और स्थान की जानकारी देनी होगी।

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माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने भी झूठी खबरों और फर्जी खातों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ट्विटर संदिग्ध खातों को हटा रहा है। वहीं, फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हॉट्सएप को लेकर सबसे ज्यादा आलोचना हो रही है। फर्जी खबरों और नफरत फैलाने वाले संदेशों के लिए व्हॉट्सएप का ज्यादा प्रयोग किया है, जिसके चलते देशभर में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मौत के घाट उतारे जाने की कई घटनाएं हुई। सरकार की चेतावनी के बाद कंपनी ने भारत के लिये एक शिकायत अधिकारी की नियुक्ति की है। सोशल मीडिया पर अविश्वसनीय सामग्री को लेकर उच्चतम न्यायालय की ओर से चिंता जताए जाने के बाद सरकार ने आईटी अधिनियम के नियमों में बदलाव का प्रस्ताव किया। इन बदलावों पर चर्चा के लिए आईटी मंत्रालय के अधिकारियों ने फेसबुक, गूगल,ट्विटर और अन्य के साथ चर्चा के लिए बैठक की। इस पर 15 जनवरी तक सार्वजनिक टिप्पणी मांगी है।

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