31 महीने के ऊपरी स्तर पर सोयाबीन

Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Jan, 2019 01:32 PM

soybean at 31 month upper level

वैश्विक बाजार में दाम बढऩे और कारोबारियों की तरफ से बढ़ी मांग के कारण सोयाबीन के दाम करीब छह साल के ऊपर स्तर पर पहुंच गए। घरेलू स्तर पर चुनावी साल में किसानों की उपज का बेहतर मूल्य घोषित होने की संभावना और वैश्विक स्तर पर ची

नई दिल्लीः वैश्विक बाजार में दाम बढऩे और कारोबारियों की तरफ से बढ़ी मांग के कारण सोयाबीन के दाम करीब छह साल के ऊपर स्तर पर पहुंच गए। घरेलू स्तर पर चुनावी साल में किसानों की उपज का बेहतर मूल्य घोषित होने की संभावना और वैश्विक स्तर पर चीन-अमेरिका व्यापार युद्ध में सुलह की बढ़ती संभावनाओं की वजह से सोयाबीन मजबूती की राह पर है। देश में उत्पादन अधिक होने के बावजूद वैश्विक मांग के कारण सोयाबीन के दाम नया रिकॉर्ड बनाने की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। 

वायदा बाजार में सोयाबीन के दाम 4,000 रुपए प्रति क्विंटल पार कर गए जबकि हाजिर बाजार में 3,900 रुपए प्रति क्विंटल पार कर गए, जो पिछले करीब 31 महीने का उच्चतम स्तर है। इसके पहले 15 जून 2016 को सोयाबीन के दाम 3,964 रुपए प्रति क्विंटल पर थे। एनसीडीईएक्स पर सोयाबीन फरवरी अनुबंध 3,909 रुपए, मार्च 3,953 रुपए, अप्रैल 3,985 रुपए, मई 4,023 रुपए और जून अनुबंध की कीमतें बढ़कर 4,050 रुपए प्रति क्विंटल हो गई। सोयाबीन में तेजी आने की कई वजह हैं। ईरान को सोयाखली का निर्यात बढऩे की उम्मीद है जिसके लिए कारोबारी भी स्टॉक जमा कर रहे हैं। 

चालू महीने में सोयाबीन की कीमतों में करीब 16 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। सीईओ के अनुसार दिसंबर में सोयाखली का निर्यात 42 फीसदी बढ़कर 2,40,530 टन हो गया। अप्रैल- दिसंबर में भी सोयाखली का निर्यात पिछले साल के सामान्य अवधि के मुकाबले 6 फीसदी बढ़कर 9,94,303 टन रहा। वैश्विक बाजार (सीबीओटी) में भी पिछले एक सप्ताह में सोया तेल के दाम करीब चार फीसदी और जनवरी में करीब 14 फीसदी बढ़े हैं। 

सोयाबीन प्रोसेर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा)के अध्यक्ष दाविश जैन ने कहा कि सोयाबीन के दाम पिछले साल कमजोर थे क्योंकि पहले का स्टॉक बचा हुआ था। पिछले साल सोयाबीन का उत्पादन सामान्य से कम था। लेकिन पिछला स्टॉक अधिक होने की वजह से सोयाबीन खली का निर्यात बढ़ा था। इस साल सोयाबीन की अच्छी पैदावार हुई है जिससे उत्पादन अधिक रहने वाला है। उत्पादन अधिक होने के अनुमान के बावजूद कीमतों में तेजी बनी हुई है। इसकी प्रमुख वजह वैश्विक मांग और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें अधिक होना है।

ऐंजल ब्रोकिंग की रिपोर्ट के मुताबिक सोयाबीन उत्पादक प्रमुख देश ब्राजील में सोयाबीन का उत्पादन कम होने की आशंका जताई जा रही है। ताजा अनुमान के मुताबिक फसल सीजन 2018-19 में सूखे के कारण ब्राजील में उत्पादन कम होकर 168 लाख टन रहने का अनुमान है जबकि पिछले साल 191 लाख टन उत्पादन हुआ था। चीन और अमेरिका में जारी व्यापार युद्ध की वजह से अमेरिका से चीन को निर्यात किए जाने वाले सोयाबीन में कमी आई है। वर्ष 2018 में 2017 के मुकाबले निर्यात आधा रह गया। अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध अब सुलह की ओर बढ़ रहा है जिसका असर घरेलू बाजार पर पड़ा है।  
 

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