Edited By ,Updated: 09 Aug, 2016 01:24 AM
भारत सरकार के बजट में इजाफे की एक खबर प्रकाश में आई है। टेलिकॉम डिपार्टमेंट 2जी, 3जी और 4जी एयरवेव्स की अब तक की सबसे बड़ी नीलामी...
नई दिल्ली: भारत सरकार के बजट में इजाफे की एक खबर प्रकाश में आई है। टेलिकॉम डिपार्टमेंट 2जी, 3जी और 4जी एयरवेव्स की अब तक की सबसे बड़ी नीलामी 29 सितंबर से शुरू करेगा। बेस प्राइस पर भी इस नीलामी से सरकार को कम से कम लगभग 5,56,000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं।
इंडस्ट्री ने हालांकि कहा कि बैंडविड्थ की एक्सपायरी और 700 मेगाहट्र्ज बैंड में स्पेक्ट्रम की बहुत ऊंची कीमत जैसी वजहों को देखते हुए एयरवेव्स की डिमांड कम रह सकती है और केंद्र सरकार को उसके टारगेट से कम पैसा मिल सकता है। दूरसंचार विभाग ने सोमवार को नोटिस इनवाइटिंग ऐप्लिकेशन जारी किया। यह नीलामी के लिए एक कानूनी दस्तावेज होता है। इसमें इस बात का ब्योरा दिया जाता है कि सरकार प्राइवेट टेलिकॉम कंपनियों को एयरवेव्स किस तरह बेचना चाहती है, अर्हता की शर्तें क्या होंगी और ऑपरेटर्स को ऑक्शन में भाग लेने के लिए कितनी मिनिमम अर्नेस्ट मनी जमा करनी होगी।
टेलिकॉम सेक्रटरी जे. एस दीपक ने संवाददाताओं को बताया कि इसमें 1800 मेगाहट्र्ज और 800 मेगाहट्र्ज बैंड्स में जारी अडिशनल स्पेक्ट्रम शामिल है, जिसकी वैल्यू बेस प्राइस पर 27,000 करोड़ रुपये है। सरकार पहली बार 700 मेगाहट्र्ज फ्रीक्वेंसी में बैंडविड्थ की नीलामी करेगी, जिसे सभी 22 सर्किलों में 5 मेगाहट्र्ज के ब्लॉक में बेचा जाएगा।
एएनआई के अनुसार, सेल पूरी होने तक स्पेक्ट्रम ट्रेडिंग, शेयरिंग, मर्जर ऐंड एक्विजिशन सहित मार्केट में कंसॉलिडेशन की हर गतिविधि पर रोक रहेगी। आगामी नीलामी में बेचे जाने वाले स्पेक्ट्रम पर 3 पर्सेंट का स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज लगेगा। हालांकि टेलिकॉम कंपनियों की स्थिति के मुताबिक उन पर अलग-अलग एसयूसी लगेगा।