Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Nov, 2019 03:29 PM
भारत की एयरलाइन इस समय संकट से गुजर रही हैं। कर्ज और ऑपरेशन कॉस्ट की वजह से एयरलाइन्स और टेलिकॉम कंपनियों का हाल एक जैसा ही हो गया है। टेलिकॉम सेक्टर ने तो टैरिफ बढ़ाने का फैसला ले लिया है लेकिन एयरलाइन कॉम्पटिशन की वजह से ऐसा भी नहीं कर पा रही हैं।
नई दिल्लीः भारत की एयरलाइन इस समय संकट से गुजर रही हैं। कर्ज और ऑपरेशन कॉस्ट की वजह से एयरलाइन्स और टेलिकॉम कंपनियों का हाल एक जैसा ही हो गया है। टेलिकॉम सेक्टर ने तो टैरिफ बढ़ाने का फैसला ले लिया है लेकिन एयरलाइन कॉम्पटिशन की वजह से ऐसा भी नहीं कर पा रही हैं। स्पाइसजेट के सीएमडी अजय सिंह ने लागत से भी कम में टिकट देने के लिए इंडिगो को जिम्मेदार ठहराया है।
इंडिगो के सीईओ ने पिछले सप्ताह कहा था कि किसी के भी पास कीमत तय करने की शक्ति नहीं है। यह इस बात पर तय होता है कि आपके विमान में कितने लोग सफर कर रहे हैं।
अजय सिंह ने कहा, 'एयरलाइन्स और टेलिकॉम में बहुत कुछ एक जैसा ही चल रहा है। जैसे जियो कम दाम में टैरिफ देने लगा जो कि लागत से भी कम था। इसके बाद अन्य कंपनियां मुश्किल में पड़ गईं। किंगफिशरऔर जेट एयरलाइन ठप पड़ गईं। इसलिए एविएशन को भी टेलिकॉम से सीखना चाहिए ताकि आगे के खतरे से बचा जा सके।'
उन्होंने कहा कि भारत में घरेलू उड़ानों के लिए ईंधन महंगा हो गया है। किराए से लागत भी नहीं निकल पाती है। बड़े एयरलाइन्स के पास ज्यादा विमान भी हैं और इनको भरने के लिए वे कम किराए का ऑफर देते हैं। सिंह ने कहा कि एयरलाइन कुछ ऐसा क्यों नहीं करती कि कम से कम किराए से लागत निकल आए। उन्होंने कहा कि एयरलाइन को ठीक तरह से संचालित करने और सुविधाएं देने के लिए किराया बढ़ाना भी जरूरी है।