स्टार्टअप को मिलेगा बढ़ावा, सरकार ने DVR शेयर से जुड़े नियमों में ढील दी

Edited By Supreet Kaur,Updated: 17 Aug, 2019 12:29 PM

startup gets boost government relaxes rules related to dvr share

सरकार ने स्टार्टअप कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए डिफरेंशियल वोटिंग राइट्स (डीवीआर) वाले शेयरों से जुड़े नियमों में ढील दी है। स्टार्टअप कंपनियों को इससे पूंजी जुटाने के दौरान कंपनी पर नियंत्रण बनाए रखने में मदद मिल सकती है। संशोधित नियमों के...

नई दिल्लीः सरकार ने स्टार्टअप कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए डिफरेंशियल वोटिंग राइट्स (डीवीआर) वाले शेयरों से जुड़े नियमों में ढील दी है। स्टार्टअप कंपनियों को इससे पूंजी जुटाने के दौरान कंपनी पर नियंत्रण बनाए रखने में मदद मिल सकती है। संशोधित नियमों के अनुसार अब कंपनियों के पास निर्गम के बाद कुल चुकता पूंजी के 74 प्रतिशत तक भिन्न मताधिकार वाले शेयर वह रख सकते हैं। पहले यह सीमा 26 प्रतिशत थी।

कॉरपोरेट मंत्रालय ने कंपनी अधिनियम के तहत कंपनी (शेयर पूंजी एवं डिबेंचर) नियमों में संशोधन किया है। मंत्रालय ने कहा, "एक अन्‍य महत्वपूर्ण बदलाव के तहत इन शेयरों को जारी करने के लिए किसी कंपनी के तीन साल तक वितरण योग्य मुनाफा हासिल करने की शर्त को भी हटा दिया गया है। यदि कोई कंपनी डिफरेंशियल वोटिंग राइट्स वाले शेयर जारी करना चाहती है तो इसके लिए उसका कम से कम तीन साल मुनाफे में होना जरूरी होता है। अब इस जरूरत को समाप्त कर दिया गया है।''

मंत्रालय के मुताबिक स्टार्टअप और प्रौद्योगिकी कंपनियों से मिले अनुरोधों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। इसके अलावा स्टार्टअप कंपनियां उनके दस प्रतिशत से अधिक शेयर रखने वाले उसके प्रवर्तकों या निदेशकों को कर्मचारी शेयर विकल्प योजना (ईशॉप) शेयर भी जारी कर सकती हैं। इसमें यह देखने की बात है कि इन प्रवर्तकों अथवा निदेशकों के पास कंपनी के शेयर उनकी स्थापना के बाद दस साल तक रखे हों तभी उन्हें ईशॉप शेयर जारी किए जा सकेंगे। इससे पहले इसके लिए यह समयसीमा पांच साल थी।

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