Edited By Supreet Kaur,Updated: 17 Sep, 2018 12:11 PM
रुपए की गिरावट थामने के लिए सरकार द्वारा शुक्रवार को की गई घोषणाओं का असर रुपए पर साल के अंत में दिख सकता है। जानकारों की मानें तो रुपया 3 फीसदी तक मजबूत हो सकता है लेकिन ग्लोबल फैक्टर्स रुपए को आगे भी प्रभावित करते रहेंगे।
बिजनेस डेस्कः रुपए की गिरावट थामने के लिए सरकार द्वारा शुक्रवार को की गई घोषणाओं का असर रुपए पर साल के अंत में दिख सकता है। जानकारों की मानें तो रुपया 3 फीसदी तक मजबूत हो सकता है लेकिन ग्लोबल फैक्टर्स रुपए को आगे भी प्रभावित करते रहेंगे।
रुपए में बढ़ रही है गिरावट
एक रिपोर्ट के मुताबिक इस हफ्ते रुपए में कुछ रिकवरी हो सकती है, लेकिन यह टिकाऊ नहीं होगी। तुर्की की लीरा या अर्जेंटीना की पेसो या रूस की रूबल की खराब हालत के चलते इमर्जिंग मार्केट को लेकर निवेश सेंटीमेंट कमजोर बना हुआ है। सरकार ने पिछले हफ्ते जिन उपायों का ऐलान किया है, जब तक उनका पूरा ब्योरा सामने नहीं आ जाता, तब तक विदेशी यहां निवेश नहीं करेंगे। डॉलर के मुकाबले रुपया रेकॉर्ड निचले स्तर पर है। अमेरिकी डॉलर के सामने रुपया इस साल 12 फीसदी कमजोर होकर 72 के पार चला गया है। सरकार इसके लिए कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि सहित बाहरी कारणों को जिम्मेदार बता रही है। हालांकि, पिछले कुछ सालों में रुपया दूसरे कई देशों कीरंसी के मुकाबले काफी मजबूत हुआ है।
सरकार ने किए ये एेलान
सरकार ने पिछले हफ्ते जिन पांच कदमों का ऐलान किया था, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) उनकी डीटेल का इंतजार कर रहे हैं। गैर-जरूरी चीजों का आयात घटाने और बॉन्ड मार्केट में निवेश की सीमा हटाए जाने को वे अहम मान रहे हैं। जानकारों का कहना है कि सरकार ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि उसके लिए गैर-जरूरी आयात का क्या मतलब है। इस साल जून तिमाही में चालू खाता घाटा जीडीपी के 2.4 फीसदी पर पहुंच गया था, जो एक साल में सबसे अधिक है। कच्चे तेल के दाम में तेजी के चलते चालू खाता घाटा बढ़ रहा है।