भारत में इस्पात खपत नई ऊंचाई पर पहुंचने की राह पर: प्रधान

Edited By Supreet Kaur,Updated: 06 Nov, 2019 04:28 PM

steel consumption in india on its way to new heights

देश में इस्पात खपत नई ऊंचाइयों पर पहुंचने की राह पर है ऐसे में निवेशकों को भारत की आर्थिक वृद्धि की इस कहानी में भागीदार बनने के लिए आगे आना चाहिए। केंद्रीय इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को यह बात कही। प्रधान ने कहा कि सरकार की विभिन्न...

नई दिल्लीः देश में इस्पात खपत नई ऊंचाइयों पर पहुंचने की राह पर है ऐसे में निवेशकों को भारत की आर्थिक वृद्धि की इस कहानी में भागीदार बनने के लिए आगे आना चाहिए। केंद्रीय इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को यह बात कही। प्रधान ने कहा कि सरकार की विभिन्न नीतियों तथा उद्योग की उद्यमिता की भावना की वजह से इस्पात क्षेत्र अधिक गतिशील, दक्ष, पर्यावरण अनुकूल और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी हो रहा है।

इंटरनेशनल क्रोमियम डेवलपमेंट एसोसिएशन (आईसीडीए) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान ने कहा, ‘‘इस्पात के इस्तेमाल तथा देश की आर्थिक वृद्धि के बीच एक मजबूत सकारात्मक पारस्परिक संबंध है। भारत वृद्धि के अगले चरण की ओर बढ़ रहा है। सरकार भविष्य के बुनियादी ढांचे के निर्माण, स्मार्ट शहर, औद्योगिक गलियारों आदि पर ध्यान दे रही है। ऐसे में देश में इस्पात की खपत में एक बड़ा उछाल आने की उम्मीद है।'' उन्होंने कहा कि भारत 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के मार्ग पर अग्रसर है। इसके साथ ही कारोबार सुगमता के साथ जीवनयापन सुगमता पर भी जोर है।

इस्पात मंत्री ने कहा, ‘‘देश की आर्थिक वृद्धि बुनियादी ढांचा, डिजिटल अर्थव्यवस्था, लघु और मझोले उपक्रमों में रोजगार सृजन से आगे बढ़ेगी। हमारी ‘मेक इन इंडिया' जैसी पहल से घरेलू मूल्यवर्धन को प्रोत्साहन मिल रहा है।'' प्रधान ने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने निवेश अनुकूल कामकाज के संचालन, राजनीतिक स्थिरता, अनुकूल नीतियों और एक बड़े विविधीकृत बाजार के जरिये भारत को कंपनियों के लिए एक आकर्षक निवेश गंतव्य बनाया है। निवेशकों और उद्यमियों को देश के विकास की कहानी का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करते हुए प्रधान ने कहा कि दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) और हाल में कॉरपोरेट कर की दर में की गई भारी कटौती का मकसद निवेश और वृद्धि को प्रोत्साहन देना है। उन्होंने भरोसा जताया कि देश की अर्थव्यवस्था के आगे बढ़ने के साथ स्टेनलेस स्टील का उत्पादन और उपभोग भी बढ़ेगा।

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