कच्चे माल की लागत बढ़ने से इस्पात में तेजी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Apr, 2022 02:08 PM

steel rises on rising raw material costs

कच्चे माल की लागत में बढ़ोतरी ने अहम स्टील कंपनियों को अप्रैल में कीमतें बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। इससे पहले लगातार दो महीने ये कंपनियां स्टील के दाम बढ़ा चुकी हैं। देश की बड़ी स्टील कंपनियों जेएसडब्ल्यू स्टील, आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील...

कोलकाताः कच्चे माल की लागत में बढ़ोतरी ने अहम स्टील कंपनियों को अप्रैल में कीमतें बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। इससे पहले लगातार दो महीने ये कंपनियां स्टील के दाम बढ़ा चुकी हैं। देश की बड़ी स्टील कंपनियों जेएसडब्ल्यू स्टील, आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (एएम/एनएस इंडिया) और जिंदल स्टील ऐंड पावर (जेएसपीएल) ने हॉट रोल्ड कॉइल (एचआरसी) की कीमतों में 4 से 5 हजार प्रति टन की बढ़ोतरी की है। एचआरसी को फ्लैट स्टील के लिए बेंचमार्क माना जाता है।

लॉन्ग प्रॉडक्ट बनाने वाली जेएसडब्ल्यू स्टील और जेएसपीएल ने रीबार की कीमतों में क्रमश: 2,250 रुपए व 3,000 रुपए प्रति टन का इजाफा किया है। स्टीलमिंट के आंकड़ों से पता चलता है कि कीमत बढ़ोतरी के बाद एचआरसी का भाव अब जेएसडब्ल्यू स्टील व एएम/एनएस इंडिया के लिए अब 79,000-79,500 रुपए प्रति टन बैठता है। जेएसडब्ल्यू के रीबार की संशोधित कीमतें अब 73,000 से 73,500 रुपए प्रति टन है। स्टीलमिंट के विश्लेषकों के मुताबिक, ये कीमतें पिछली ऊंचाई के पार चली गई है।

जेएसडब्ल्यू के निदेशक (वाणिज्यिक व विपणन) जयंत आचार्य ने कहा, कंपनी ने लॉन्ग व फ्लैट उत्पादों की कीमतें 3 से 5 फीसदी तक बढ़ाई है लेकिन यह लागत के असर की आंशिक भरपाई के लिए है। उन्होंंने कहा, अप्रैल 2022 में हुई कोकिंग कोल की खरीद अप्रैल-मई के उत्पादन मेंं जाएगी। ऐसे में मई व जून उत्पादन लागत के लिहाज से पीक सीजन हो सकत है।

कच्चे माल की कीमतें बढ़ती रही हैं लेकिन रूस की तरफ से यूक्रेन पर हमले के बाद कीमतें बढ़ी हैं। आचार्य ने कहा, कच्चे माल की लागत में इजाफा चिंता का विषय है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह नीचे आएगी। कुछ हद तक यह नीचे आनी शुरू हो गई है और अगले कुछ महीनों में और घटेगी। यह स्टील की लागत नीचे लाएगी लेकिन जब तक सिस्टम की लागत बढ़ती रहेगी, हमें देखना होगा कि हम इससे कैसे निपटेंगे और हमें कुछ लागत का भार ग्राहकों पर डालना होगा।

कोकिंग कोल की कीमतें 670 डॉलर प्रति टन तक चली गई थी, जो पिछले कुछ हफ्तों में नीचे आई है। हालाकि उद्योग के सूत्रों ने कहा कि कीमतें अभी भी पिछले साल से ज्यादा है। इसके अतिरिक्त अन्य कच्चे माल की कीमतें उच्चस्तर पर बनी हुई है। लौह अयस्क भी बढ़त की राह पर है। एनएमडीसी ने अप्रैल में 200 रुपए प्रति टन तक कीमतें बढ़ाई है।

स्टील की कीमतें फरवरी में बढऩी शुरू हुई थी और फिर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। पिछले एक महीने में फ्लैट स्टील की कीमतें 10,000 रुपए प्रति टन बढ़ी है। हालांकि एमएसएमई के लिए कुछ राहत हो सकती है। आचार्य ने कहा, हम अलग तरह से एमएसएमई को सहारा देना जारी रखेंगे।
 

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