स्टरलाइट तुतीकोरिन संयंत्र में प्रवेश और याचिका करने पर लगा प्रतिबंद

Edited By Yaspal,Updated: 12 Apr, 2019 09:22 PM

sterlite imposes restriction on entry and petition in tuticorin plant

शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय ने बड़ा फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट कॉपर की एक याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया है। कंपनी ने तमिलनाडु के तुती...

नई दिल्ली: शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय ने बड़ा फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट कॉपर की एक याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया है। कंपनी ने तमिलनाडु के तुतीकोरिन में स्थित बंद पड़े संयंत्र की मरम्मत के लिये उसमें प्रवेश की अनुमति के लिये यह याचिका दायर की थी। कंपनी ने याचिका में मद्रास उच्च न्यायालय के उस निर्णय को भी चुनौती दी है। जिसमें अंतरिम आवेदन के साथ साथ मुख्य याचिका पर शीघ्र सुनवाई से मना किया गया है। कंपनी की यह याचिका तमिलनाडु राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संयंत्र को बंद करने के आदेश को लेकर है। न्यायमूर्ति आर.एफ.नरीमन ने सुनवाई के दौरान कहा है कि हम यहां उच्च न्यायालय पर नियंत्रण रखने के लिये नहीं हैं। जिसके बाद कंपनी द्वारा याचिका वापस ली गई है।

पिछले साल मई में कंपनी के इस संयंत्र से फैलने वाले प्रदूषण के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में 13 लोगों की मौत हो गयी थी। इसके बाद संयंत्र को बंद करने का आदेश दे दिया गया। हालांकि, कंपनी इस बात से इंकार करती है कि स्टरलाइट संयंत्र किसी तरह का प्रदूषण नही फैलाता है। कंपनी का याचिका में कहना है कि उसका उद्देश्य सिर्फ अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखना है। महज इसी उद्देश्य से वह मरम्मत की गतिविधियां शुरू करना चाहती है। कंपनी ने कहा कि संयंत्र का रखरखाव नहीं होने के कारण उसे 100 करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति का नुकसान हुआ है। कंपनी का कहना है कि तुतीकोरिन संयंत्र का मूल्य करीब तीन हजार करोड़ रुपये है। यदि उच्च न्यायालय से इस संयंत्र का परिचालन पुन: शुरू करने की इजाजत नहीं मिलती है तो उसे संयंत्र के उपकरण यहां से ले जाकर कहीं अन्यत्र लगाने होंगे। उच्च न्यायालय ने इससे पहले 27 मार्च को मामले की अगले सुनवाई 23 अप्रैल को तय कर दी थी।
 

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