जानिए वो बड़े कारण जिस के चलते आज फिर धड़ाम हुआ Sensex-Nifty, निवेशकों को भारी नुकसान

Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Nov, 2024 04:44 PM

stock market crashed due to these reasons investors suffered huge losses

भारतीय शेयर बाजार में सोमवार 18 नवंबर को गिरावट जारी रही। खासतौर से आईटी शेयरों में भारी बिकवाली देखने को मिली। कारोबार के दौरान सेंसेक्स करीब 500 अंक लुढ़क गया। वहीं निफ्टी करीब 180 अंक लुढ़ककर 23,350 के अपने दिन के निचले स्तर पर पहुंच गया। इसके...

बिजनेस डेस्कः भारतीय शेयर बाजार में सोमवार 18 नवंबर को गिरावट जारी रही। खासतौर से आईटी शेयरों में भारी बिकवाली देखने को मिली। कारोबार के दौरान सेंसेक्स करीब 500 अंक लुढ़क गया। वहीं निफ्टी करीब 180 अंक लुढ़ककर 23,350 के अपने दिन के निचले स्तर पर पहुंच गया। इसके चलते बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप शुरुआती कारोबार में करीब 2 लाख करोड़ रुपए घट गया। सेंसेक्स और निफ्टी में 26 सितंबर के बाद से अबतक 10 फीसदी से भी अधिक की गिरावट आ चुकी है। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 241 अंक गिरकर 77,339 और निफ्टी 23,453 के स्तर पर बंद हुआ।

आइए जानते हैं कि शेयर बाजार में इस गिरावट के पीछे 5 प्रमुख कारण क्या रहे

अमेरिका में ब्याज दरें ऊंची बने रहने की आशंका

अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि अमेरिका में अब ब्याज दरों में कटौती करने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मौजूदा आर्थिक ग्रोथ, मजबूत जॉब मार्केट और महंगाई दर के 2 प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर बने रहने को देखते हुए ब्याज दरें घटाने में जल्दबाजी की जरूरत नहीं है। यह बयान भारतीय आईटी कंपनियों के लिए एक झटका है, जो लंबे समय से अमेरिकी में ब्याज दरें घटने की आस लगाए बैठी हैं। जेरोम पॉवेल के बयान के बाद आज कारोबार के दौरान निफ्टी आईटी इंडेक्स करीब 3 फीसदी तक टूट गया। इंफोसिस, टीसीसी, विप्रो सहित लगभग सभी आईटी कंपनियों के शेयरों में 2 से 7 फीसदी तक की गिरावट देखी गई।

खराब तिमाही नतीजे

बाजार में गिरावट का दूसरा सबसे अहम कारण कंपनियों के खराब तिमाही नतीजे हैं। हीरो मोटोकॉर्प, मामाअर्थ सहित तमाम कंपनियों के शेयर आज खराब तिमाही नतीजों के चलते भारी दबाव में दिखे। अब तक जिन कंपनियों के तिमाही नतीजे आए हैं, उनमें से आधे से अधिक ने बाजार को निराश किया है। इसके चलते इन शेयरों को रेटिंग में गिरावट का सामना करना पड़ रहा है। कई एनालिस्ट्स तो अर्निंग्स ग्रोथ में गिरावट को देखते हुए सुस्ती की भी आशंका जताने लगे हैं।

FIIs की ओर से लगातार बिकवाली

विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली ने शेयर बाजार पर दबाव बनाए हुआ है। नवंबर महीने में विदेशी निवेशक अब तक 29,533 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली कर चुके हैं। इससे पहले उन्होंने अक्टूबर में भी 1 लाख करोड़ से अधिक की रिकॉर्ड बिकवाली की है। इस गिरावट के पीछे ऊंचा वैल्यूएशन, भूराजनैतिक तनाव और चीन के नए प्रोत्साहन पैकेज सहित कई कारण हैं।

ऊंचा वैल्यूएशन

मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार में आई हालिया गिरावट के बावजूद मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट का वैल्यूएशन अभी भी ऊंचा बना हुआ है। ऐसे में अभी इस सेगमेंट में और बिकवाली देखने को मिल सकती है। हालांकि उनका कहना है कि लार्जकैप में गिरावट थमने की ओर है। फिडेंट एसेट मैनेजमेंट के डायरेक्टर ऐश्वर्या दाधीच ने कहा, "बाजार के सेंटीमेंट में जोश नहीं दिख रहा। निफ्टी और ब्राडर मार्केट दोनों पर बहुत दबाव है। हालांकि मिड-स्मॉल कैप इंडेक्सों में ऊंचे वैल्यूएशन के चलते आगे भी दर्द देखने को मिल सकता है, लेकिन मुख्य इंडेक्स में गिरावट काफी हद तक खत्म हो सकता है।"

महंगाई दर में फिर उछाल

खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में RBI के 6 फीसदी के लक्ष्य को पार करके 14 महीने के उच्चतम पर पहुंच गई। होलसेल इंफ्लेशन भी 2 प्रतिशत से ऊपर लौट आया, जो इसका 4 महीनों का उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ में सुस्ती के बीच महंगाई दर में इजाफे ने चिंता और बढ़ा दी है।

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