मुनाफावसूली के दबाव में बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई से नीचे आया, सेंसेक्स 695 अंक लुढ़का

Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Nov, 2020 06:11 PM

stock markets continue to boom nifty new levels

शेयर बाजारों में तीन दिनों से जारी तेजी पर बुधवार को विराम लग गया। वैश्विक स्तर पर मिले-जुले रुख के बीच निवेशकों की मुनाफावसूली से बीएसई सेंसेक्स 695 अंक लुढ़क गया। तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 694.92 अंक यानी 1.56 प्रतिशत की

मुंबईः शेयर बाजारों में तीन दिनों से जारी तेजी पर बुधवार को विराम लग गया। वैश्विक स्तर पर मिले-जुले रुख के बीच निवेशकों की मुनाफावसूली से बीएसई सेंसेक्स 695 अंक लुढ़क गया। तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 694.92 अंक यानी 1.56 प्रतिशत की गिरावट के साथ 43,828.10 अंक पर बंद हुआ। शुरूआती कारोबार के दौरान यह 44,825.37 के रिकॉर्ड स्तर तक चला गया था। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्चेंज का निफ्टी 196.75 यानी 1.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 12,858.40 अंक पर बंद हुआ। 

कारोबार के दौरान यह अबतक के सर्वोच्च स्तर 13,145.85 तक चला गया था। सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान में कोटक बैंक रहा। इसमें 3.22 प्रतिशत की गिरावट आई। इसके अलावा एक्सिस बैंक, सन फार्मा, एचडीएफसी बैंक, बजाज फाइनेंस, एशियन पेंट्स, भारती एयरटेल, इन्फोसिस और टेक महिंदा में भी गिरावट दर्ज की गई। दूसरी तरफ केवल तीन शेयरों ओएनजीसी, पावरग्रिड और इंडसइंड बैंक लाभ में रहे। इनमें 6.25 प्रतिशत तक की तेजी आई।

अमेरिका में कोविड-19 टीके को लेकर उम्मीद के बीच मंगलवार को डो जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 30,000 अंक के पार निकल गया। इसका असर बाजार पर पड़ा। ऐसी रिपोर्ट है कि अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन वित्त मंत्री पद के लिए फेडरल रिजर्व की पूर्व प्रमुख जेनेट येलेन को चुनेंगे। इससे भी निवेशकों में उत्साह रहा। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘टीके के विकास को लेकर सकारात्मक खबरें तथा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लगातार पूंजी प्रवाह से पिछले कुछ दिनों से बाजार में तेजी पर बुधवार को विराम लगा। इसका कारण कारोबार के दूसरे चरण में विभिन्न शेयरों में मुनाफावसूली रही। वहीं पश्चिमी बाजारों में सकारात्मक रुख बना हुआ है। इसका कारण टीके के विकास तथा अमेरिका में राजनीतिक असमंजस की स्थिति का दूर होना है।'' 

उन्होंने कहा, ‘‘घरेलू बाजार में अल्पकाल में मुनाफावसूली बने रहने की संभावना है क्योंकि नकदी आधारित तेजी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। इस तेजी पर अब कुछ अंकुश लग सकता है। यह पूंजी अमेरिकी चुनाव के नतीजे के उत्साह का परिणाम था, जिसे रोक कर रखा गया था। एफआईआई की अब अमेरिका और यूरोप में 2021 के लिए नीतियों पर नजर होगी।'' एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई और सोल नुकसान में जबकि टोक्यो और हांगकांग लाभ में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में मिला-जुला रुख रहा। इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.15 प्रतिशत की बढ़त के साथ 48.33 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। विदेशी विनिमय बाजार में, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे मजबूत होकर 73.91 पर बंद हुआ। 

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