Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Sep, 2018 12:14 PM
केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत ई-वे बिलों की फाइलिंग और रिटर्न फाइलिंग में अंतर का आकलन करें। सूत्रों ने बताया कि वित्त सचिव हसमुख अढिया ने राज्यों से कहा है
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत ई-वे बिलों की फाइलिंग और रिटर्न फाइलिंग में अंतर का आकलन करें। सूत्रों ने बताया कि वित्त सचिव हसमुख अढिया ने राज्यों से कहा है कि उन इकाइयों की विस्तार से तुलना करें, जिन्होंने रिटर्न तो दाखिल किया है लेकिन ई-वे बिल नहीं निकाला है या ई-वे बिल निकाला है लेकिन रिटर्न दाखिल नहीं किया है।
सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को प्रस्तावित जीएसटी परिषद की बैठक के पहले हुई अधिकारियों की एक बैठक में उन्होंने कहा कि यह खासकर उन राज्यों के मामले में बहुत महत्त्वपूर्ण है, जहां इनवाइसिंग की कम रिपोर्ट के कारण राजस्व कम आ रहा है।
अढिया ने राज्यों से कहा है कि वे विश्लेषण तंत्र को मजबूत करें, जो राज्य में जीएसटी की स्थिति की निगरानी करें। जुलाई को छोड़कर चालू वित्त वर्ष के पहले 5 महीने में मासिक कर संग्रह 1 लाख करोड़ रुपए के मासिक लक्ष्य से कम रहा है।